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इस सरपंच ने अपने गांव में कोरोना की NO ENTRY के लिए जो तरीका अपनाया, वो सुनकर मोदी भी हुए प्रभावित
पुणे. कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी लड़ाई में देशभर के ग्रामीण अंचलों से सुखद और सराहनीय तस्वीरें सामने आ रही हैं। कैसे, गांववाले सोशल डिस्टेंसिंग और क्वारेंटाइन का पालन कर रहे हैं, कैसे अपने गांव को कोरोना संक्रमण से बचाए हुए हैं..उनकी पहल सराहनी है। ऐसी ही एक सार्थक पहल से मोदी भी प्रभावित हुए। यह हैं पुणे जिले की मेदनकरवाड़ी ग्राम पंचायत की सरपंच प्रियंका रामदास मेदनकर। पंचायती राज दिवस पर इन्होंने प्रधानमंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये करीब 6 मिनट बात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे अपने गांव में उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया..क्वारेंटाइन कैसे किया। यह जानकर मोदी प्रभावित हुए। जानिए पूरी कहानी...
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प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये करीब 6 मिनट तक सरपंच प्रियंका की बात सुनी। इस दौरान प्रियंका ने मोदी को एक कविता भी सुनाई। बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना संक्रमण से बहुत प्रभावित है। अकेले पुणे में 800 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
वैसे प्रियंका भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़ी रही हैं। 32 वर्षीय प्रियंका की बात सुनकर मोदी ने कहा कि गांवों में व्यवस्थाओं को लागू कराने में ऐसी ही पढ़ी-लिखी सरपंचों की जरूरत है। प्रियंका ने एक मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जब उन्हें मालूम चला कि पंचायती राज दिवस पर उनकी प्रधानमंत्री से बात होगी, तो वे रातभर सो नहीं सकीं।
प्रिंयका और उनके पति सुदर्शन चौधरी शुरू से ही मोदी की फैन रहे हैं। प्रियंका ने मोदी को बताया कि जब मार्च में लॉकडाउन लगाया गया, वे तभी से अपने गांव को लेकर सजग हो उठी थीं। शुरुआत में ही 8 दिनों के लिए पूरे गांव में हार्ड लॉकडाउन कर दिया था। गांव को सोडियम डाईपोक्लोराइड से सैनिटाइज किया गया। साथ ही गांव में दो जगहों पर सैनिटाइजेशन टनल लगवा गए। मास्क बनाने के लिए एक संस्था को जोड़ा। गांववालों ने भी संक्रमण की गंभीरता को समझा।
प्रियंका ने बताया कि संक्रमण को रोकने गांववालों को मार्निंग और ईवनिंग वॉक करने से रोका गया। शाम को गांव की स्ट्रीट लाइटें जल्द बंद कर दी जाती थीं। प्रियंका ने बताया कि वे खुद लाउडस्पीकर लेकर गांवों में घूमीं और लोगों को जागरूक किया।(मोदी के कटआउट के साथ प्रियंका और उनके पति सुदर्शन)
प्रियंका ने बताया कि वो जिस गांव की सरपंच है, वो औद्योगिक क्षेत्र है। यहां 70 प्रतिशत मजदूर बाहर से आकर बसे हैं। ऐसे में जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें उसके बगैर सामग्री मुहैया करा रहे हैं। बता दें कि प्रियंका पुणे के एमआईटी कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उनकी इस मुहिम में उनके पति सुदर्शन और पिता रामदास मेदनकर भी पूरा सहयोग कर रहे हैं।(महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ प्रियंका और सुदर्शन)