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कभी कबाड़ का काम करते थे नवाब मलिक, आज हैं इतने करोड़ के मालिक, कैसा है उनका सियासी सफर..जानिए सब सीक्रेट
मुंबई. एनसीपी नेता और उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री नवाब मलिक (maharashtra minister nawab malik) को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। मलिक गिरफ्तारी के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया है। मीडिया में हर तरफ उनकी खबरे चल रही हैं। नवाब मलिक वैसे तो पिछले काफी समय से चर्चा में रहे हैं। लेकिन अब जब उन पर कार्रवाई हुई तो मामले ने तूल पकड़ लिया है। आइए आपको बताते हैं कि नवाब मलिक कौन हैं..उनसा सियासी सफर कैसे शुरू हुआ और वह कितनी संपत्ति के मालिक हैं...
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दरअसल, नवाब मलिक अभी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में अल्पसंख्यक, कौशल विकास और उद्यमिता विभाग की जिम्मेदारी संभालत हुए कैबिनेट मंत्री हैं। उनकी पहचान मुख्य तौर पर एनसीपी में एक मुस्लिम चेहरा के तौर पर होती है। वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख और सीनियर नेता शरद पवार के काफी करीबी माने जाते हैं। हालांकि ये बाद अलग है कि मलिक ने अपना सियासी सफर समाजवादी पार्टी से शुरू किया था। लेकिन आज वह महाराष्ट्र सरकार में मिनिस्टर हैं।
बता दें कि सियासत में आने से पहले नवाब मलिक ने अपने करियर की शुरुआत एक कबाड़ी के तौर पर शुरू की थी। कुछ सालों तक उन्होंने इस काम किया। इतना ही नहीं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में के दौरान उन्होंने खुद कहा था कि मैं कबाड़ीवाला हूं। मेरे पिता मुंबई में कबाड़ का कारोबार करते थे। विधायक बनने तक मैंने भी कबाड़ का कारोबार किया। मुझे इस पर गर्व है।
नावब मलिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उनका जन्म 20 जून 1959 को यूपी के बलरामपुर जिले के तालुका के धुसवा गांव में हुआ था। हालांकि 1970 में उनका परिवार मुंबई में शिफ्ट हो गया था। यहीं से उन्होंने मायानगरी के अंजुमन स्कूल स 10वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद बुरहानी कॉलेज से 12वीं तक पढ़े। फिर साल 1979 में इसी कॉलेज में BA में दाखिला भी लिया, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते फाइनल ईयर नहीं कर सके।
पढ़ाई अधूरी करने के बाद मलिक ने अपने पारिवारिक व्यापार से करियर की शुरूआत की। हालांकि वह इसे ज्यादा समय तक नहीं कर सके, क्योंकि इस बीच उनकी नकी दिलचस्पी राजनीति में बढ़ने लगी थी। 90 के दशक में देश में राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ तो और अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के खिलाफ वह बोलने लगे। इसी बीच वह उस समय के सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के संर्पक में आ गए।
बता दें कि मुलायम सिंह ने भी नवाब मलिक की मुस्लिमों के बीच बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए सपा में ज्वॉइन कर लिया। इसके बाद महाराष्ट्र के मुस्लिम बाहुल नेहरू नगर सीट पर 1996 में उन्हें पहली बार सपा से टिकट मिला। पहली बार में मलिक की किस्मत ने जोर मारा वह जीतकर विधानसभा पहुंचे। इस जीत के बाद वह मुलायम सिंह के काफी करीबी नेताओं में से एक हो गए।
नवाब मलिक लगादात दो बार सपा से विधायक का चुनाव जीतने के बाद 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने सपा को छोड़ दिया। इसके बाद वह शरद पवार की पार्टी एनसीपी से जुड़ गए। इसी साल इसी साल नवाब मलिक को नेहरू नगर सीट से एनसीपी ने टिकट मिला और वह जीत गए। फिर 2009 के विधानसभा चुनाव में परिसीमन के बाद नवाब मलिक ने अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और लगातार चौथी बार विधायक बने। हालांकि वह 2014 के विधानसभा में चुनाव हार गए। 2019 के विधानसभा चुनाव वह चुनाव जीते और शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन सरकार बनी। जहां नवाब मलिक को एनसीपी कोटे से महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनाए गए।
बता दें कि नवाब मलिक ने 21 साल की उम्र में 1980 में महजबीन से शादी की थी। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। बेटों का नाम फराज और आमिर है, जबकि बेटियों का नाम नीलोफर और सना है। मलिक के कारोबार को उनके बेटे और बेटियां मिल कर चला रहे हैं।
कबाड़ी से अपने करियर की शुरूआत करने वाले नवाब मलिक आज के समय में कोरोंड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दिए हलफनामे में उन्होंने जो जानकारी दी थी, उसके हिसाब से वह कुल संपत्ति 5 करोड़ 74 लाख 69 के मालिक हैं।