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कोरोनो से डरता कौन है...कई दिक्कतों के बीच इन बच्चों के साहस से सीखिए..महामारी से डरे नहीं, बल्कि जोश से लड़ें
मुंबई, महाराष्ट्र. कोरोना ने सारी दुनिया पर संकट खड़ा किया है। यह और बात है कि शुरुआत में लोग इस महामारी को लेकर अधिक घबराये हुए थे, लेकिन अब धीरे-धीरे उनमें इससे लड़ने का माद्दा आता जा रहा है। यह सच है कि यह लड़ाई लंबी है, लेकिन जीतने के लिए लड़ना जरूर पड़ेगा। मुंबई की ये तस्वीरें बच्चों और उनकी मांओं के साहस को दिखाती हैं। कठिन परिस्थितियों में भी मांओं ने हिम्मत नहीं हारी। वहीं, उनके मासूम बच्चे भी मां के कदम से कदम मिलाते देखे गए। कुछ बच्चे बेशक गोद में दिखे। लेकिन मां के चेहरे के संतोष को देखकर महसूस किया जा सकता है कि उनके बच्चों ने उन्हें ऐसे हालात में भी परेशान नहीं किया।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या 56 हजार 948 हो चुकी है। इस बीच महाराष्ट्र से विभिन्न राज्यों के लिए 696 ट्रेनों से 10 लाख प्रवासी घर भेजे गए हैं। मुंबई एयरपोर्ट से भी 14 हजार यात्रियों का आवाजाही हुई है।
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ये तस्वीरें कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के बीच बच्चों के साहस को दिखाती हैं। पहली तस्वीर में छोटे भाई को गोद में उठाकर जाता एक बच्चा। दूसरी तस्वीर में घर में ही किसी कार्यक्रम के लिए मेकअप करती एक बच्ची। तस्वी पहले जानें मुंबई की स्थित-कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने नवी मुंबई महानगरपालिका ने स्पेशल मास स्क्रीनिंग शुरू की है। खासकर झुग्गियों और चॉलों में यह स्क्रीनिंग शुरू की गई है। दरअसल, महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 2190 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि इस दौरान 964 मरीज ठीक हुए और 105 की मौत हुई। महाराष्ट्र में अब तक 17 हजार 918 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं 1897 की मौत हो चुकी है। मुंबई में 1097 मौतें हुई हैं। अकेले मुंबई में यह संक्रमितों का आंकड़ा 33 हजार 835 हो गया है। आइए देखते हैं आगे संक्रमण के बीच साहस को दिखाती कुछ तस्वीरें...
अपने बच्चों को लेकर जाती मां। बेशक यह सामान्य दिनों की आवाजाही नही है, लेकिन बच्चों और मां की चाल देखकर उनके हौसलों को समझा जा सकता है।
अपने घर के लिए निकल प्रवासी मजदूर का बच्चा बस की खिड़की से झांकता हुआ। उसके चेहरे पर कहीं कोई डर नहीं दिखा।
ये मांएं अपने बच्चों को लेकर किसी काम से निकली हैं। बच्चों ने मास्क लगा रखे हैं, लेकिन डर किसी के चेहरे पर नहीं है।
अपनी मां के पीछे-पीछे पूरे जोश से दौड़ता प्रवासी मजदूर मां का बेटा।
मीलों पैदल चलकर भी इन मासूमों की चाल में जोश देखकर समझा जा सकता है कि महामारी से डरने की नहीं, लड़ने की जरूरत है।
अपनी मां की साड़ी का पल्लू पकड़कर चलता बच्चा। ऐसे हजारों बच्चे हैं, जिन्हें पैदल चलना पड़ा। लेकिन उनका साहस नहीं टूटा।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बस यही समझदारी की जरूरत है। एक मां अपने मासूम बच्चे को मास्क लगाते हुए।
मांओं को लॉकडाउन में सबसे ज्यादा संघर्ष करना पड़ रहा है। लेकिन उनका हौसला नहीं डिगा।