MalayalamEnglishKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathi
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • KEA 2025
  • Home
  • States
  • Maharastra
  • प्रोफेसर की दर्दभरी कहानी: लड़कियों जैसी आवाज, मां की साड़ी पहन नाचता था, सब छक्का कहकर चिढ़ाते थे

प्रोफेसर की दर्दभरी कहानी: लड़कियों जैसी आवाज, मां की साड़ी पहन नाचता था, सब छक्का कहकर चिढ़ाते थे

मुंबई. मैं हमेशा मन से खुद को रानी मानता था। जब मैं छोटा था तो इंतजार करता था कि कब मेरे मम्मी-पापा घर से बाहर जाएं ताकि मैं अपने असली रूप में घर में रह सकूं। जिन हालातों में  मेरा दम घुटता है उनसे मुझे आजादी मिले। तब मुझे अपनी पहचान को लेकर कोई समझ नहीं थी लेकिन इतना पता था कि मैं मर्द नहीं हूं बस मर्द जैसा पैदा हुआ हूं।

Asianet News Hindi | Updated : Dec 03 2019, 04:29 PM
4 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
16
Asianet Image
ये कहानी एलजीबीटी समुदाय के एक फैशन डिजाइन प्रोफेसर की है। लड़के के रूप में पैदा होने के नाते उन पर मां-बाप की जिम्मेदारियां थीं लेकिन आत्मा से वह एक औरत के रूप में पैदा हुए थे जो सजना संवरना चाहती थी, पैरों में घुंघरू बांध नाचना चाहती थी। समाज में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग मापदंड हैं। इन पर न चलने वालों को गड़बड़ी और मजाक वाले ताने सुनने पड़ते हैं। कुछ लोग तो अपने मन की बातों को दबा लेते हैं पर कुछ आजादी से अपनी ज़िन्दगी अपने शर्तों पर जीते हैं। ऐसे ही एक प्रोफ़ेसर ने अपनी कहानी दुनिया के सामने रखी है।
26
Asianet Image
वह बताते हैं कि, घर में अकेला होने पर बचपन में मैं मम्मी की साड़ी और ज्वैलरी पहनता था फिर लाउड म्यूजिक बजाकर डांस करता था। ये सब मुझे घर के अंदर ही करना होता था क्योंकि बाहर लोग मुझपर सवाल उठा सकते थे कि मैं लड़का होकर लड़कियों जैसी हरकतें क्यों कर रहा हूं? मुझे प्रताड़ित होने का डर था। इसलिए छुपकर लड़कियों जैसे कपड़े पहनता था। पर जब मैं बड़ा हुआ तो मेरे लिए एक और मुश्किल पैदा हो गई, जवान होने पर लड़कों की आवाज भारी हो जाती है लेकिन मेरी आवाज हल्की और मीठी थी। मुझे अपनी आवाज को लेकर लोगों के तानों का सामना करना पड़ा। जिन बातों को मैं दुनिया के डर से हमेशा छिपाए रखना चाहता था वो मेरी आवाज लड़कियों जैसे होने की वजह से बाहर आ रही थीं। मुझे आज भी याद है जब सातवीं क्लास में मुझे लड़कों ने छक्का-छक्का कहकर चिढ़ाया था, मुझे नहीं समझ आया कैसे रिएक्ट करूं।
36
Asianet Image
रिश्तेदार हमेशा मेरी हरकतों को लेकर ताने कसते थे कि मैं लड़कियों जैसा हूं, आवाज भी, चाल-ढाल भी। सबके सामने मेरा मजाक उड़ाया जाता था। लोग सोचते थे मेर साथ कोई गड़बड़ी है तो वो मुझसे बात नहीं करते थे। मम्मी पापा भी मेरी साइड नहीं लेते थे उन्हें मेरी कोई परवाह नहीं थी। अपने ही घर मेरा में मेरा दम घुटने लगा था, मैं यहां से भाग जाना चाहता था।
46
Asianet Image
फिर मैं कॉलेज गया तो बहुत सी चीजें पता चलीं। मुझे एलजीबीटीआईक्यू प्लस ग्रुप के बारे में मालूम हुआ। तब मुझे पता चला कि लड़कियों की तरफ मेरा कोई झुकाव नहीं है बल्कि मैं खुद एक क्वीर महिला हूं।  सबसे पहले मैंने अपने दोस्तों को अपना सच बता दिया उन्होंने कोई मजाक नहीं उड़ाया। बल्कि सेलेब्रेट किया कि मैंने खुद को एक्सेप्ट कर लिया है। पर मेरे मां-बाप को जब पता चला तो वो सन्न रह गए उन्होंने मुझे थेरेपी लेने और साइक्रेटिस्ट के पास जाने को कहा। उन्हें लगा मुझे लड़की बनने का भूत सवार हो गया है। पर 25 साल लड़ने के बाद जब मुझे लगा कि जीत मेरी हुई, मैंने सोच लिया नहीं जो मैं हूं वहीं सबके सामने रहूंगा, अपनी पहचान नहीं छिपाउंगा। मैंने डायरी में लिखी अपनी चीजें खरीदना शुरू किया और फैशन डिजाइनिंग शुरू कर दी।
56
Asianet Image
फिर एक प्रोफेसर के तौर पर मैंने कई सालों तक बच्चों को फैशन डिजाइनिंग पढ़ाया और आज मैं अपनी लाइफ में सक्सेजफुल हूं। बच्चे मेरी रेस्पेक्ट करते हैं हालांकि वो मेरी पहचान और पसंद पर कोई बात नहीं करते ये भी अच्छा ही है। मेरा मानना है कि, दूसरे की पसंद की जिंदगी जीना आपकी लाइफ नहीं है, जो आप हैं जैसे हैं वैसे ही रहिए। समाज की रूढ़िवादी सोच और दायरों से परे वो करें जिसमें आपको घुटन नहीं आजादी मिलती है। थर्ड जेंडर समुदाय के लोग भी इंसान हैं और उन्हें भी खुशी और दर्द महसूस होता है।
66
Asianet Image
देश में एलजीबीटी समुदाय को थर्ड जेंडर की कानूनी मान्‍यता तो मिल गई है लेकिन समलैंगिकों को की लड़ाई बहुत लंबी है। कानून बनने के बाद भी वह समाज में अपनी पहचान और जिंदगी को लेकर घुटन, ताने, प्रताड़ना और घरेलू हिंसा के शिकार होते हैं। यहां तक कि मां-बाप शर्म की वजह से समलैंगिक बच्चों को छोड़ देते हैं।
Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories