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Valentine Day: राजा-रानी से बढ़कर है यह लव स्टोरी, पत्नी को गिफ्ट में देने के लिए बनवा दिया दूसरा ताजमहल
बुरहानपुर (मध्य प्रदेश). प्यार करने वालों के लिए वैलेंटाइन डे से अच्छा और कोई दिन नहीं होता है। क्योंकि इस दिन मोहब्बत करने वाला हर हर प्रेमी अपनी प्रेमिका से दिल की बात कहते हुए प्यार का इजहार करता है। साथ की इस दिन प्रेमी युगल अपने पार्टनर के लिए कुछ स्पेशल करते है और उन्हें तरह-तरह के गिफ्ट्स भी देते हैं। लेकिन हम आपको एक ऐसे प्यार करने वाले पति की लव स्टोरी बता रहे हैं, जो अपनी पत्नी से इस कदर बेपनाह मोहब्बत करता है कि उसने तोहफा देने के लिए एक ताजमहल ही बनवा दिया। जो कि हूबहू एक दिम आगरा के ताज की तरह दिखता है। इसके लिए उन्होंने लाखों रुपए भी खर्च किए हैं। देखिए बेपनाह मोहब्बत की मिसाल..जिसने देखा उसने कहा वाह..
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दरअसल, प्यार की ऐसी ही एक अनोखी मिसाल और इबारत लिखने वाले एमपी के बुरहानपुर के रहने वाले शिक्षाविद आनंद प्रकाश चौकसे हैं। जिन्होंने ने अपने पत्नी मंजू के लिए दूसरा ताजमहल की तरह दिखने वाला हूबहू घर बनवाकर पिछले साल तोहफे में दिया है।
बता दें कि आनंद चौकसे ने ताज महल जैसे 4 बेडरूम का घर बनवाया है। इस घर को इस तरह से डिजाइन किया और ऐसी लाइटिंग लगाई गईं है कि रात के अंधेरे में यह एकदम अगरा वाले ताजमहल की तरह चमकता है। दूर से देखने पर ऐसा लगता है कि यह ताजमहल ही है। यह ताजमहल नुमा घर को बनाने में तीन साल का वक्त लगा है। इस घर में चार बेडरूम, एक किचन, लाइब्रेरी, मेडिटेशन रूम तक है।इस पूरे घर का क्षेत्रफल मीनार सहित 90X90 का है। ताजमहल जैसे घर में एक बड़ा हॉल भी बनवाया गया है।
इस ऑलीशान घर की फ्लोरिंग राजस्थान के मकराना और फर्नीचर मुंबई के कारीगरों से तैयार करवाया गया है। अंदर की नक्काशी बंगाल और इंदौर के कारीगरों ने की है तो फर्नीचर सूरत और मुंबई के कलाकारों ने बनाया है।
ताजमहल जैसा घर बनवाले के लिए पहले आनंद चौकसे और उनकी पत्नी मंजूषा चौकसे आगरा के ताजमहल को देखने गए। उसका बारीकी से अध्ययन किया और फिर इंजीनियरों को ताजमहल जैसा ही घर बनाने को कहा। इसके बाद इंजीनियर प्रवीण चौकसे ने भी आगरा जाकर ताजमहल का बारीकी से अवलोकन किया। इसके बाद ऐसा डिसाइन तैयार की कोई यह नहीं कह सके कि यह ताजमहल नहीं है।
मीडिया से बात करते हुए आनंद चौंकसे ने बताया कि आगरा में बने ताजमहल को पहले बुरहानपुर से गुजरने वाली ताप्ती नदी के किनारे बनना था। लेकिन बाद में शाहजहां ने इसे आगर में बनाने का फैसला किया। बस इसी बात पर आनंद चौंकसे ने ठानी कि अब ताजमहल तो बुरहानपुर में बनकर रहेगा। इसके लिए उन्होंने कई समस्याओं का सामना किया और फिर पत्नी को ताजमहल गिफ्ट दे दिया।