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लाखों में एक होते हैं ऐसे लोग, दुनियाभर में फेमस निक जैसी एक और बच्ची ने लिया यहां जन्म
भोपाल, मध्य प्रदेश. बिना हाथ-पैर के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती, लेकिन दुनिया में लाखों लोगों में से कोई एक-दो ऐसे लोग भी जन्म लेते हैं। यह टेट्रो अमेलिया सिंड्रोम (Tetra-amelia syndrome) आनुवांशिक बीमारी के कारण होता है। ऐसे बच्चों के अभिभावकों या उनकी किसी पीढ़ी में इस बीमारी के जीन्स होते हैं। कई पीढ़ियों बाद ये किसी बच्चे में उभरकर सामने आ जाते हैं। हाल में मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गांव सांकला में यह मामला सामने आया है। ऐसे बच्चों को लोग भगवान का चमत्कार मानने लगते हैं, लेकिन यह एक विकृति है। सांकला सिरोंज तहसील का एक गांव है। यहां बिना हाथ-पैर वाली एक बच्ची का जन्म हुआ है। बता दें कि आस्ट्रेलिया के ख्यात मोटिवेशनल स्पीकर निक वुजिसिस भी इसी सिंड्रोम का शिकार हैं। लेकिन वे दुनिया के लिए एक उदाहरण हैं। निक के लेफ्ट साइड में एक छोटा-सा पैर है। निक उसी के सहारे अपने सारे काम और एडवेंचर करते हैं। आइए जानते हैं पहले विदिशा में जन्मी बच्ची की कहानी..
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इस बच्ची का जन्म विदिशा जिले के सांकला गांव में रहने वाले सोनू वंशकार के घर में हुआ है। बच्ची के जन्म के बाद से मां चिंतित है, लेकिन पिता उसे भगवान की देन मान रहा है। (दूसरी तस्वीर निक वुजिसिस की है, जिसकी कहानी आप आगे पढ़ पाएंगे)
बच्ची के जन्म से ही हाथ और पैर नहीं है। हालांकि उसकी दिल की धड़कनें ठीक से काम कर रही हैं।
सिरोंज शासकीय राजीव गांधी चिकित्सालय के डॉ. राहुल चंदेलकर कहते हैं कि यह बीमारी लाखों में से किसी एक बच्चे को होती है।
बच्ची की दादी सक्काबाई याद करते हुए कहती हैं कि उन्हें याद नहीं कि उनकी किसी पीढ़ी में ऐसे किसी बच्चे का जन्म हुआ हो। आगे पढ़िए निक वुजिसिस की कहानी...
35 वर्षीय निक वुजिसिस भी टेट्रा अमेलिया सिंड्रोम से पीड़ित हैं। यह अत्यंत दुर्लभ जन्मजात विकृति है।
निक आस्ट्रेलिया के ख्यात मोटिवेशनल स्पीकर हैं। इसके अलावा वे एथलीट भी हैं।
निक जब 10 साल के थे, तब अपनी इस विकृति के चलते उन्हें एक बार सुसाइड का ख्याल आया था। उस समय वे मेलबर्न में पढ़ाई कर रहे थे। हालांकि मां के प्यार और सपोर्ट ने उन्हें हौसला दिया।
जब निक 17 साल के थे, तब उन्होंने अपने स्कूल में आयोजिक पब्लिक स्पीकिंग के किसी आयोजन में हिस्सा लिया था। वे इतना अच्छा बोले कि लोग उनसे प्रभावित हो गए।
निक 50 से ज्यादा देशों में मोटिवेशनल स्पीच दे चुके हैं। सैकड़ों लोगों को डिप्रेशन से उबार चुके हैं।
निक मोटिवेशनल स्पीच आयोजित करने वाली संस्था Attitude Is Altitude के प्रेसिडेंट हैं। निक को स्वीमिंग और स्काईडाइविंग पसंद है।
निक अपने ज्यादातर काम खुद करते हैं। वे कम्प्यूटर भी चलाते हैं। निक 250 से ज्यादा फ्रैक्चर का सामना कर चुके हैं।