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भाई की मौत के 4 दिन बाद बेटी ने सजाई पिता की चिता, घर में नहीं बचा कोई पुरुष..लोग बोले-रहम कर भगवान


शाजापुर (मध्य प्रदेश). कोरोना वायरस की दूसरी लहर इस तरह से कहर बरपा रही है कि जिसकी चपेट में आने से कई हंसते-खेलते घरों को उजाड़ दिया है। ऐसा ही दुखों का पहाड़ मध्य प्रदेश के शाजापुर में रहने वाले एक परिवार पर टूटा  है, जहां अब कोई पुरुष ही नहीं बचा है। जो कि अंतिम संस्कार कर पाता। महज चार दिन के अंतर से कोरोना पिता और बेटे को लील गया। आलम यह हो गया कि बेटी को ही अपने पिता की चिता सजानी पड़ गई। बस मां बची है और वह भी पॉजिटिव है। पढ़िए कैसे चार दिन में तबाह हो गया पूरा परिवार...

Asianet News Hindi | Updated : May 04 2021, 07:00 PM
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दरअसल, शाजापुर जिले में सारंगपुर के रहने वाले एक परिवार को कोरोना ने तबाह कर दिया है। 28 अप्रैल को परिवार के मुखिया अवधेश कुमार सक्सेना पत्नि करुणा सक्सेना और उनके 32 साल के बेटे शुभम की रिपोर्ट कोरोना कोरोना पॉजिटिव आई। इसके बाद  घर की पूरी जिम्मेदारी 25 वर्षीय बेटी तनवी सक्सेना पर आ गई है। वह तीनों की इलाज करते हुए उनका ख्याल रख रही थी।

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अस्पताल में भर्ती होने के अगले ही दिन तनवी के भाई शुभम की मौत हो गई। पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। कोरोना के चलते ये स्थिति आ गई है कि शुभम की मौत के बाद उसकी पत्नी नेहा और दो साल की बेटी उसका चेहरा तक नहीं देख सकी। क्योंकि वह अपने घर में होम आइसोलेट है। घर में सभी बीमार होने की वजह से तनवी ने ही अपने भाई का अंतिम संस्कार कराया। 

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तनवी अभी वह भाई की गम को भूल भी नहीं पाई थी कि सोमवार को पिता अवधेश कुमार सक्सेना ने भी दम तोड़ दिया। एक बार फिर बेटी ने बेटा का फर्ज निभाते हुए पीपीई किट पहनकर पिता के अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाईं। तनवी ने कांपते हाथों से पिता को मुखाग्नि दी। वहीं मां भी खबर मिलते ही कोरोना वार्ड से उठकर नंगे पैर अपने पति का आखिरी बार चेहरा देखने के लिए श्मशान तक पहुंच गई। शहर के अन्य सामाजिक लोगों ने इस दुख की घड़ी में लकड़ी, कंडे एकत्रित करने के साथ अन्य कार्यों में तनवी की मदद की।

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पिता की चिता पर फूल चढ़ाते हुए श्मशान में तनवी जिस तरह से दहाड़े मारकर रो रही थी, उसे देख वहां पर मौजूद लोगों की आंखों में आंसू आ गए। सभी लोग बेटी की दहाड़ सुनकर यही बोले- हे भगवान अब तो रहम कर दे। काफी मुश्किल के बाद तनवी को उसकी चचेरी बहन चेतना अपने साथ घर लेकर गई।

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