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कौन है लेडी सिंघम नाम से मशहूर ये डिप्टी कलेक्टर, मैडम ने फर्जी खाते से निकाले गरीबों के 42 लाख
बुरहानपुर. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले से अधिग्रहण राशि का घोटाले का हैरान करने वाला मामला उजागर हुआ है। जिसके चलते नेपानगर एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर रैंक की महिला अधिकारी विशा माधवानी सुर्खियों में हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने हितग्राही यानी गरीबों का फर्जी खाता खोलकर मुआवजे की राशि निकली है। इस मामले में विशा माधवानी समेत 9 लोगों के खिलाफ खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जानिए महिला SDM की पूरी काहनी..जिन्होंने 4 बार पास की MP PSC...
| Published : Jun 17 2021, 03:30 PM IST / Updated: Jun 17 2021, 03:48 PM IST
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दरअसल, यह पूरा मामला आरटीआई कार्यकर्ता आनंद दीक्षित ने उजागर किया है। उन्होंने बुरहानपुर जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह को शिकायत कर बताया कि साल 2018-2019 में बोरबन तालाब निर्माण में सरकार ने 15 करोड़ रुपए खर्च किए थे। जिसमें से आधी राशि निर्माण और आधी राशि मुआवजे पर दी गई। वहीं किसान रामेश्वर कल्लू की 15 एकड़ जमीन शामिल थी, जिसे मुआवजे की राशि मिलना थी। लेकिन अधिकारियों ने मिलीभगत से उसके नाम का एक फर्जी खाता जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित खंडवा में खोल लिया और पैसे जमा करते ही उसके खात से 42 लाख रुपए निकाल लिए।
व्हिसल ब्लोअर आनंद दीक्षित का कहना है कि एसडीएम विशा समेत जिन अफसरों ने मिलीभगत करके गरीबों के पैसे का घोटाला किया है उनके नाम लिपिक पंकज पाटे, बैंक मैनेजर अशोक नागनपुरे, बैंककर्मी अनिल पाटीदार, होमगार्ड जवान सचिन वर्मा समेत इम्तियाज खान, संजय मावश्कर, फिराज खान हैं। जिनको नेपानगर पुलिस ने धोखाधड़ी समेत शासकीय राशि का गबन और आपराधिक षड्यंत्र मामला दर्ज किया है।
इस मामले में जिला कलेक्टर ने एडीएम शैलेंद्र सिंह सोलंकी से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई। दो दिन पहले एडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपी है। जिसमें 42 लाख रुपए के मामले में एसडीएम विशा समेत नौ कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है।
बता दें कि अधिग्रहण राशि का घोटाले में नाम सामने आने वाली विशा माधवानी नेपानगर में एडीएम व भूअर्जन अधिकारी के पद पर सेवाएं दे रही थीं। वह अभी वर्तमान में झाबुआ में डिप्टी कलेक्टर भी हैं। विशा मूलरूप से मध्य प्रदेश देवास की रहने वाली हैं।
विशा ने चार बार MP PSC परीक्षा पास की है। साल 2015 में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग एग्जाम में थर्ड रैंक हासिल की थी। इस तरह वह अपने चौथे प्रयास में डिप्टी कलेक्टर बनी थीं। इससे पहले उनका चयन 2012 में जिला संयोजक, 2013 में महिला सशक्तीकरण अधिकारी और 2014 में जिला पंजीयक पद पर भी हुआ था, लेकिन उनको प्रशासनिक सेवा में टॉप करना था।
बता दें कि विशा माधवानी के परिवार में टोटल पांच लोग हैं। उनका एक छोटा भाई व एक बड़ी बहन है। बहन की अहमदाबाद में है, जिसकी शादी हो चुकी है। वहीं भाई इंदौर से लॉ की पढ़ाई कर रहा है और मां धारा व पिता मनोहर माधवानी।