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3 मासूमों समेत जब साथ उठीं एक ही परिवार की 6 अर्थी तो पूरा गांव रोया, किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला

गुना, मध्य प्रदेश के गुना जिले में बेरवास गांव के लोगों ने रविवार को जो नजारा देखा वह शायद ही उन्होंने कभी देखा होगा। हर तरफ चीख-पुकार और हर आंख में आसू थे। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक फूट-फूटकर रो रहे थे। क्योंकि एक साथ एक ही परिवार के  6 लोगों की अर्थियां उठीं थीं और उनका साथ ही अंतिम संस्कार हुआ। एक दिन पहले ही इस परिवार के तीन लोगों की चिता चलाई थी। पढ़िए कैसे 9 लोगों का पूरा परिवार एक स्विच ऑन करते ही हो गया खत्म...

Asianet News Hindi | Published : Jul 25 2021, 07:51 PM
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दरअसल, अहमदाबाद में सिलेंडर फटने गांव के दो भाइयों का पूरा परिवार खत्म हो गया। जैसे ही गांव से अर्थी उठी पूरे गांव में सन्नटा पसरा गया, मातम ऐसा कि किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला। बस मौत की चीखें सुनाई दे रही थीं। अर्थियां बनाते हुए लोगों के हाथ कांप रहे थे। किसी तरह सभी अर्थियों को श्मशानघाट ले जाया गया और  एक ही चिता पर सभी को रखकर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
 

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बता दें कि एक दिन पहले शनिवार को अहमदाबाद एक फैक्ट्री में हुए दर्दनाक हादसे में यह परिवार जिंदा जल गया था। गुना जिले का रहने वाला यह मजदूर परिवार फैक्ट्री में रहता था। रात को सोते समय परिवार गैस बंद करना भूल गए। सिलेंडर से गैस लीकेज होती रही किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। लेकिन सुबह होते ही परिवार के किसी सदस्य ने जैसे ही बिजली का स्विच ऑन किया और घर में ब्लास्ट हो गया। इसके बाद परिवार के नौ लोगों की जलकर मौत हो गई।

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गैस सिलेंडर फटने से हुए इस हादसे में दो भाइयों का पूरा परिवार तबाह हो गया। आलम यह है कि दोनों भाइयों का कोई बारिस तक नहीं बचा है। अब सिर्फ घर में बड़े भाई, पत्नी और दो बच्चे ही बचे हैं। 
 

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जहां पर इन शवों का अंतिम संस्कार किया गया वहां के हालात तो और भी बदतर थे। मुक्तिधाम तक पहुंचने तक का रास्ता पूरी तरह से बंद था। चारों तरफ पानी और कीचड़ थी। मुक्तिधाम के लिए बने टीनशेड में चादर तक नहीं। बेबस होकर बारिश के मौसम में खुले में अंतिम संस्कार करना पड़ा।
 

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 मरने वालों की पहचान रामप्यारी अहिरवार (56), राजूभाई अहिरवार (31), सोनू अहिरवार (21), सीमा अहिरवार (25), सरजू अहिरवार (22), वैशाली (7), नितेश (6), पायल (4) और आकाश (2) के रूप में की गई है।

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