- Home
- States
- Madhya Pradesh
- IIT स्टूडेंट ने आई क्विट लिख किया सुसाइड, 'पापा आप जिद्दी हैं और मां मजबूर..आपको ऐसा नहीं करना था'
IIT स्टूडेंट ने आई क्विट लिख किया सुसाइड, 'पापा आप जिद्दी हैं और मां मजबूर..आपको ऐसा नहीं करना था'
इंदौर (मध्य प्रदेश). इंदौर से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है, जहां आइआइटी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मौत से पहले उसने दो पेज का सुसाइड नोट भी लिखकर घरवालों के लिए छोड़ा है। जिसमें लिखा-पापा आप बहुत ही जिद्दी थे, आपको ऐसा नहीं होना चाहिए था। वहीं मां बताया मजबूर। मां में समझ रहा हूं आप अकेली रह जाओगी, लेकिन और बर्दाश्त नहीं होता। सॉरी मम्मी..जा रहा हूं। मौत से पहले लिखे जो श्ब्द उन्हें पढ़ हो जाएंगे इमोशनल...
- FB
- TW
- Linkdin
)
देश के लिए बनना था काबिल इंजीनियर
दरअसल, यह घटना बुधवार देर रात लसूड़िया थाने इलाके में हुई। जहां नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में एडिशनल डायरेक्टर ब्रजेश कुमार के बेटे सार्थक ने अपने घर की बालकनी में फांसी लगाकर जान दे दी। सार्थक विजयवत आइआइटी खडगपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। उसका सपना था कि वह देश के लिए एक काबिल इंजीनियर बने, लेकिन उससे पहले ही वह दुनिया को छोड़कर चला गया।
क्या सपने देखे थे, लेकिन कहां फंस गया
सार्थक ने दो पेज के सुसाइड नोट में लिखा-जिन उम्मीदों से JEE की तैय्यारी की थी, उनके टूटने के बाद ही सब कुछ खत्म होता चला गया। सोचा था कैम्पस जाऊंगा, मस्ती करूंगा। लेकिन कहां ये ऑनलाइन असाइन्मेंट में फंस गया। शायद टाला जा सकता था। कई लोगों के पास मौका था, लेकिन कुछ नहीं किया। सॉरी! और अब क्या ही बोल सकता हूं।
पापा आप टाइम स्पेंड करते तो अच्छा होता
अगले पेज में सार्थक ने अपने परिवार के बारे में लिखा- पापा आपने अपने परिवार को टाइम नहीं दिया। आप शुरू से ही जिद्दी थे, जितना समय आप अपने भाई-बहनों के लिए देते थे उससे आधा भी हम लोगों को देते तो अच्छा होता। लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। सार्थक ने अपने काका और चाचा के के बारे में भी लिखा है। इसके अलावा अपने कॉलेज के दोस्तों के बारे में लिखा है।
आई क्विट लिखते ही सब खत्म
आखिरी में मां से माफी मांगते हुए लिखा-अब आप अकेली रह जाएंगी, लेकिन क्या करता अब सहन नहीं होता इसलिए छोड़कर जा रहा हूं। बता दें कि युवक ने यह सुसाइड नोट अंग्रेसी में लिखा है। आखिर में आई क्विट...लिख लगा ली फांसी