MalayalamEnglishKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathi
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • KEA 2025
  • Home
  • States
  • Madhya Pradesh
  • श्रीकृष्ण का एक मंदिर ऐसा, जहां 100 करोड़ की पोशाक पहनते हैं भगवान..विदेश से दर्शन करने आते हैं भक्त

श्रीकृष्ण का एक मंदिर ऐसा, जहां 100 करोड़ की पोशाक पहनते हैं भगवान..विदेश से दर्शन करने आते हैं भक्त

ग्वालियर (मध्य प्रदेश). आज पूरे देश में रात 12 बजते ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। भक्तों ने जन्माष्टमी त्यौहार को मनाने के लिए अपने कान्हा के मंदिरों की रंग-बिरंगी सजावट कर दी है। इस बीच हम आपको बताने जा रहे हैं ग्वालियर के गोपाल मंदिर के बारे में। जहां राधा-कृष्ण का श्रृंगार 100 करोड़ के बेश्कीमती गहने से किया गया है। आइए जानते हैं क्या है इस मंदिर इतिहास...
 

Arvind Raghuwanshi | Published : Aug 30 2021, 06:01 PM
2 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
15
Asianet Image

दरअसल, भगवान राधा-कृष्ण का यह गोपाल मंदिर ग्वालियर के फूलबाग में है। जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान राधा-कृष्ण को हीरे, पन्ना, माणिक, पुखराज, नीलम, सोना-चांदी जड़ित गहनों के साथ सजाया गया है। भगवान ने सोने का मुकुट तो हीरे का हार पहना हुआ है। हर साल लाखों भक्त देश-विदेश से आते हैं। वहीं कई भक्त ऐसे भी हैं जो फेसबुक के माध्यम से कान्हा का दर्शन करते हैं। हालांकि इस बार कोरोना की वजह से गाइडलाइन का ध्यान रखा गया है।

25
Asianet Image

100 करोड़ रुपए के गहनों से श्रृंगार करने वाले भगवान राधा-कृष्ण सुरक्षा में सैंकड़ों पुलिस-फोर्स के जवान तैनात हैं। मंदिर के आसपास के इलाके को छाबनी में तब्दील कर दिया है। वैसे भगवान सबकी रक्षा करते हैं, लेकिन चोरों की वजह से इनकी सुरक्षा किसी किले की सुरक्षा की तरह की गई है।

35
Asianet Image

 गोपाल मंदिर के बारे में बताया जाता है कि इसका निर्माण सिंधिया राजवंश ने सन 1921 में कराया था। इसके बाद सिंधिया रियासत के महाराज माधवराव ने इसका जीर्णोद्धार कराया और भगवान के लिए बेशकीमती ज्वैलरी में हीरे और पन्ना जड़ित गहने बनावाए। 

45
Asianet Image

आजादी के बाद सिंधिया राजवंश ने इस मंदिर की देखरेख और कीमती गहनों को भारत सरकार को सौंप दिए थे। जिनको जिला कोषालय के लॉकर में रखा जाता है। इनकी जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की होती है।
 

55
Asianet Image

बताया जाता है कि आजादी के बाद वर्षों तक ये गहने बैंकों के लॉकर में पड़े रहे। 2007 में डॉ पवन शर्मा ने नगर निगम आयुक्त की कमान संभाली थी। उसके बाद नगर निगम के पास उपलब्ध संपत्तियों के बारे में उन्होंने जानकारी जुटाई। इस दौरान भगवान के इन गहनों की जानकारी मिली थी। उसके बाद जन्माष्टमी के दिन भगवान राधा-कृष्ण को इन गहनों से श्रृंगार कराने की परंपरा शुरू हुई।

Arvind Raghuwanshi
About the Author
Arvind Raghuwanshi
अरविंद रघुवंशी, 2012 से पत्रकारिता जगत में कार्यरत हैं। 2019 से एशियानेट न्यूज हिंदी में बतौर सीनियर चीफ सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं और स्टेट टीम को लीड कर रहे हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (MCU) से मास्टर ऑफ जर्नलिज्म (MJ) किया है। उन्हें नेशनल, पॉलिटिक्स, क्राइम और फीचर स्टोरीज में लिखना पसंद है। जर्नलिज्म में 13 साल का अनुभव है। वह दैनिक भास्कर, पत्रिका, राष्ट्रीय हिंदे मेल जैसे मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories