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कोरोना ने उजाड़ दिया पूरा परिवार, सास-जेठ और पति की मौत के बाद छोटी बहू भी कह गई दुनिया को अलविदा
देवास. मध्य प्रदेश में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है, महामारी ने अब विकराल रूप धारण कर लिया है। जिसकी चपेट में आने से परिवार के परिवार उजड़ रहे हैं। ऐसी एक मार्मिक कर देने वाली खबर देवास से सामने आई है, जिसने पूरे शहर में कोहराम मचा दिया। जहां एक हंसता खेलता परिवार कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया। महज सात दिन के अंदर परिवार के दो बेटों और मां की कोरोना से मौत हो गई। वहीं घर कू छोटू बहू ने सदमे में फांसी लगाकर जान दे दी।
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दरअसल, यह दुखद घटना देवास अग्रवाल समाज के अध्यक्ष बालकिसन गर्ग के घर में घटी, जहां सबसे पहले उनकी पत्नी चंद्रकला (75) की 14 अप्रैल को कोरोना से सांसे थम गईं। इसके दो दिन बाद बेटे संजय (51) और फिर स्वप्नेश (48) की मौत हो गई। वहीं अपने पति-जेठ और सास की मौत के बाद छोटी बहू रेखा गर्ग को इतना गहरा सदमा लगा कि उसने बुधवार को अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बालकिसन गर्ग के घर में अब उनके अलावा उनकी बड़ी बहू और पोते-पोतियां रह गए हैं। जिनका रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी चीखे सुनकर पड़ोसी भी बिलख रहे हैं। लेकिन महामारी के खौफ में चाहकर भी कोई उनके कंधे पर हाथ रखकर सांत्वना नहीं दे पा रहा है।
बता दें कि बालकिसन गर्ग का देवास शहर में किराना का थोक व्यापार है। साथ ही वह देवास अग्रवाल समाज के अध्यक्ष भी हैं। अक्सर लोगों को सुख-दुख में साथ खड़े होते हैं। लेकिन इस महामारी की वजह से जो दुखों का पहाड़ टूटा वह शायद कभी पूरा नहीं हो पाएगा।
बालकिसन गर्ग की छोटे बेटे स्वप्नेश गर्ग की शादी आज से 20 साल पहले रेखा के साथ हुई थी। दोनों पति-पत्नी अपने परिवार के साथ रहते थे और खुश थे। लेकिन एक सप्ताह में ऐसा दुखों का पहाड़ टूटा कि रेखा सहन नहीं कर सकी और अपनी जीवनलाली समाप्त कर ली।