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ईश्वर की मर्जी के आगे सोनू सूद भी बेबस, जिस स्टूडेंट पर खर्च करने वाले थे 2 करोड़, पहले ही कह गया अलविदा
इंदौर (मध्य प्रदेश). कहते हैं कि जिसकी जितनी उम्र ईश्वर ने लिख होती है वह उतना ही जीता है। फिर चाहे हम लाख कोशिश कर लें, लेकिन वह दुनिया को छोड़कर चला ही जाता है। ऐसी ही मार्मिक खबर इंदौर से सामने आई है। जहां एक लॉ स्टूडेंट सार्थक गुप्ता की कोरोना से जंग लड़ते-लड़ते सांसे थम गईं। उसके इलाज में करीब 2 करोड़ का खर्च आ रहा था, परिजनों ने सोशल मीडिय पर मदद की गुहार लगाई थी। जिसका इंतजाम भी हो चुका था। संकट की घड़ी में मसीहा कहे जाने वाले बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने मदद के लिए सामने आए थे। उन्होंने उसे बचाने के लिए कहा था कि वह हर संभव उसकी सहायता करेंगे। लेकिन वह इससे पहले ही दुनिया को छोड़कर अलविदा कह गया। दोस्तों ने इलाज के लिए जोड़े 15 लाख..फिर भी टूट गई जीवन की डोर...
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फेफड़े 98 प्रतिशत खराब, ऑक्सीजन लेवल भी..7 दिन से वेंटिलेटर पर था
दरअसल, 25 वर्षीय सार्थक गुप्ता कोरोना संक्रमित होने के बाद से पिछले 15 दिनों से इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती था। संक्रमण के चलते उसके दोनों फेफड़े 98 प्रतिशत खराब हो चुके थे। ऑक्सीजन लेवल भी तेजी से कम हो रहा था। हालत इतनी गंभीर हो चुकी थी 7 दिन से वह वेंटिलेटर पर था।
दोस्तों ने जमा कर लिए 15 लाख..लेकिन
सार्थक के दोस्तों से लेकर रिश्तेदारों तक उसके इलाज में मदद कर रहे थे। वह बीमारी में होने वाला खर्च जुटाने में लगे थे। अभी तक उसके चाहने वालों ने करीब 15 लाख की राशि ही एक दूसरे के सहयोग से जमा कर ली थी। लेकिन इलाज की रकम ज्यादा थी दो करोड़, इसलिए सार्थक के मामा ने उसके इलाज में मदद के लिए फिल्म स्टार सोनू सूद से भी गुहार लगाई थी।
माता-पिता की इकलौती संतान था सार्थक
सार्थक अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। पिता पेशे से एडवोकेट हैं, उनसे जिनता संभव हो सका उन्होंने इलाज करवाया। लेकिन भगवान को शायद कुछ और ही मंजूर था।
सोनू सूद एयर एंबुलेंस ले जा रहे थे हैदराबाद..लेकिन थम गईं सांसे
डॉक्टरों की सलाह के अनुसार सार्थक के लंग्स ट्रांसप्लांट करना था, जिसमें करीब दो करोड़ का खर्चा बताया था। युवक के मामा ने एक्टर सोनू सूद से अपील कर पैसों का इंतजाम भी कर लिया था। सोनू सूद के जरिए युवक को एयर एंबुलेंस से लेकर हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल में इलाज तक की व्यवस्था कर दी थी। सोमवार सुबह अस्पताल से लेकर एयर एंबुलेंस की सारी सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। मौसम खराब होने के चलते एक दिन बाद यानि मंगलवार को ले जाना था। लेकिन उससे पहले ही सार्थक की मौत हो गई।