- Home
- States
- Madhya Pradesh
- एमपी में दुनिया की सबसे छोटी लड़की ! 17 साल की उम्र और हाइट सिर्फ डेढ़ फीट, जानिए किसके नाम है वर्ल्ड रिकॉर्ड
एमपी में दुनिया की सबसे छोटी लड़की ! 17 साल की उम्र और हाइट सिर्फ डेढ़ फीट, जानिए किसके नाम है वर्ल्ड रिकॉर्ड
बड़वानी : अभी तक आपने कई छोटी हाइट वाले इंसान के बारें में देखा और सुना होगा लेकिन आज हम आपको बताने आज रहा हैं, एक ऐसी लड़की से, जिसको लेकर दावा किया जा रहा है कि दुनिया में उसका कद सबसे छोटा है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बड़वानी (Barwani) जिले की रहने वाली सोनाली की हाइट डेढ़ फीट है, जबकि उसकी उम्र 17 साल। जिला अस्पताल में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया है। सोनाली भी अपनी फैमिली के साथ दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने वहां पहुंची। उसे पहली बार में जिसने भी देखा, लगा कि उसकी उम्र एक या दो साल ही होगी। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। डॉक्टरों का मानना है कि यह दुनिया की सबसे छोटी हाइट की लड़की हो सकती है। बता दें कि विश्व में सबसे छोटे कद की लड़की होने का रिकॉर्ड नागपुर की ज्योति आमगे के नाम है। उनकी लंबाई दो फीट है। डेढ़ फीट की सोनाली के बारें में जानिए..
| Published : May 22 2022, 03:04 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
सोनाली बड़वानी के पानसेमल तहसील के आमदा गांव की रहने वाली है। उसकी फैमिली में माता-पिता, एक भाई और एक बहन है। सोनाली की बहन शर्मिला की उम्र 12 साल, जबकि भाई 10 साल का है। सोनाली के दोनों भाई-बहन कद-काठी, वजन में सामान्य है। जबकि सोनाली की हाइट डेढ़ से दो फीट बताई जा रही है।
स्वास्थ्य मेले में सर्टिफिकेट बनवाने के दौरान जब सोनाली के माता-पिता ने डॉक्टरों को उसकी उम्र बताई तो सभी चौंक गए। क्योंकि वह एक या दो साल की बच्ची लग रही थी। हालांकि बाद में डॉक्टरों ने उसका दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवा दिया। जिले के अधिकारी इिस लड़की को दुनिया की सबसे छोटे कद वाली लड़की बता रहे हैं। वे इसे गिनीज बुक में दर्ज करवाने की बात कह रहे हैं।
सोनाली की मां का नाम इमला बाई और पिता कांतिलाल हैं। उन्होंने डॉक्टरों से बताया कि उनकी बेटी न तो ठीक से खड़ी हो पाती है, न चल पाती है और ना ही बोल पाती है। विधिक सेवा प्राधिकरण के एडीजे अमित सिंह सिसोदिया, काउंसलर अनिता चोयल की मदद से उसका दिव्यांग सर्टिफिकेट बना है। एडीजे ने अपने हाथों से सोनाली को ये सर्टिफिकेट सौंपा। डॉक्टरों का कहना है कि हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ने के कारण ऐसी समस्या आती है। इस बच्ची में मानसिक ग्रोथ और शारीरिक ग्रोथ दोनों हार्मोन्स की कमी है।
डॉक्टर मानते हैं कि करीब 10 प्रतिशत बच्चों में शॉर्ट स्टेचर या छोटा कद होना पाया जा सकता है। उसमें से भी सिर्फ दो प्रतिशत कुपोषण, आनुवंशिक, ग्रोथ हार्मोन या थायराइड हार्मोन की कमी से ऐसा होता है। बाकी जो बच्चे होते हैं उनमें फैमिलियल हो सकता है। अगर किसी बच्चे में किसी भी समय हाइट चा सेंटीमीटर से कम बढ़ रही तो उसे डॉक्टर से सलाह की जरुरत होती है।
डॉक्टर ने यह भी बताया कि मां के गर्भ में रहने के दौरान अगर मां को आयोडीन की कमी है तो बच्चों में यह स्थिति बन जाती है। इसलिए मां को सही पोषण के लिए कहा जाता है। विटामिन डी की कमी से ऐसी समस्या आती है। उनका मानना है कि जब बच्ची एक या दो साल की थी, तभी माता-पिता ने उसका इलाज करवाया होता, तो उसकी लंबाई बढ़ सकती थी।