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पद्मश्री मिलने पर रोते हुए बोली अब्दुल जब्बार की पत्नी, यदि वो होते तो साथ जाकर लेते पुरस्कार
भोपाल. गैस त्रासदी पीड़ितों की आवाज कहे जाने वाले अब्दुल जब्बार खान को सरकार ने पद्मश्री देने की घोषणा की तो उनकी पत्नी सायरा बानो की आखों में आंसू थे। सालों का दर्द थोड़ी खुशी और थोड़े अफसोस के रूप में बाहर आ रहा था। जब उनसे इस बात को लेकर पूछा गया तो उन्होंने रोते हुए कहा कि अगर वो होते तो साथ में जाकर पुरस्कार लेते। अब्दुल जब्बार खुद गैस से पीड़ित थे और उन्होंने अपने परिवार के कई सदस्यों को इस हादसे में गंवा दिया था।
| Published : Jan 26 2020, 08:59 PM
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सायरा बानो ने बताया कि उनके ससुराल के कई लोगों ने भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवा दी थी।
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अपनों को खोने के बाद ही अब्दुल जब्बार ने गैस पीड़ितों के हक के लिए लड़ने का फैसला किया।
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अब्दुल जब्बार स्वयं भी गैस की चपेट में आए थे और उन पर भी गैस का प्रभाव पड़ा था।
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कई तरह की बीमारियों के चलते साल 2019 में 14 नवंबर को उनका इंतकाल हो गया था। इससे पहले सरकार ने उनके इलाज का खर्च वहन करने की बात कही थी।
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उन्हें एक साथ कई तरह की बीमारियों ने जकड़ रखा था। दिल का दौरा और पैर की बीमारी इनमें से एक थी।