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युवक ने कृत्रिक पैर लगवाने सोनू सूद से मांगी मदद, अकाउंट में पैसे पहुंचे, फिर भी हुआ यह
भोपाल, मध्य प्रदेश. कोरोनाकाल में सोनू सूद जरूरतमंदों की मदद के तौर पर मसीहा बनकर सामने आए हैं। देश के हर कौने में उनकी मदद पहुंच रही है। देवास के विजय नगर निवासी दीपेश गिरी खुश हैं कि सोनू सूद के अलावा एक दोस्त की मदद से उन्हें कृत्रिम पैर लग गया। उन्हें भोपाल में कृत्रिम पैर लगाया गया। खुद को दुबारा ठीक से चलते देखकर विजय भावुक हो उठे। दीपेश 22 फरवरी को बाइक से इंदौर से कैलादेवी जा रहे थे, तभी एक्सीडेंट में वे घायल हो गए। इलाज के दौरान उनका पैर काटना पड़ा। एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजय के पास इतनी जमापूंजी नहीं थी कि वो कृत्रिम पैर लगवाने पर पैसा खर्च कर सकें। 19 अगस्त को दीपेश ने सोनू सूद को ट्वीट किया कि उनका एक पैर कट गया है, क्या वे अब कभी चल पाएंगे? क्या आप सहयोग करेंगे? इस पर सोनू सूद ने रिप्लाई किया कि चल भाई...आपकी नई टांग होगी, आपकी टांग लगवाता हूं। उन्होंने भोपाल की एक समाजसेवी संस्था के खाते में 25 हजार रुपए डलवा दिए। लेकिन यह पैसे कम पड़ गए, तब दीपेश की मदद को उसका दोस्त भी आगे आया। पढ़िए इसकी खबर के बारे में...
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दोस्त ने दिए 19 हजार रुपए
दीपेश को भोपाल की संस्था ने कॉल किया और बताया कि 19 हजार रुपए कम पड़ रहे हैं। यह सुनकर दीपेश मायूस हो गए। उन्होंने इंदौर निवासी अपने दोस्त केशव जोशी को बताया। केशव ने अपने पिता पूर्व पार्षद आशुतोष से मदद मांगी। इस तरह बाकी पैसे दोस्त के जरिये अकाउंट में आ गए। दीपेश सोनू सूद और अपने दोस्त को दुआएं दे रहा है कि उनकी बदौलत अब वो चल-फिर पा रहा है।
आगे पढ़ें...फूट-फूटकर रो रही थी छात्रा, सोनू सूद ने किया ट्वीट-'आंसू पोंछ ले बहन, किताबें भी नई होंगी...घर भी नया होगा'
जब बारिश में भींग गईं किताबें...
बीजापुर, छत्तीसगढ़. यह मामला पिछले दिनों सामने आया था। यहां बारिश में कच्चा घर गिरने के बाद किताबें गीली होने से रो पड़ी छात्रा का वीडियो सोशल मीडिया और न्यूज चैनल पर दिखाया गया था। उसे देखकर सोनू सूद भावुक हो उठे और उन्होंने ट्वीट किया-'आंसू पोंछ ले बहन...किताबें भी नई होंगी..घर भी नया होगा!' फिर अंजली नामक इस छात्रा को मदद मिल गई।
देखें कुछ तस्वीरें...
अंजली ने अपने कच्चे घर में ऐसे संभालकर रखी हुई थीं किताबें। अंजली का वीडियो देखकर सोनू सूद ने की मदद की पहल।
सूखने के लिए रखीं भींगीं किताबें।
बारिश में किताबों की दुर्दशा देखकर अंजली फूट-फूटकर रोने लगी थी।
अंजली को अपनी पढ़ाई छूटती देखकर जैसे सदमा से बैठ गया था।
सोनू सूद के ट्वीट के बाद अंजली को उम्मीद जागी है कि वो आगे पढ़ पाएगी।
अंजली को रोते देखकर प्रशासन ने तत्काल उसे कुछ नई किताबें उपलब्ध कराई थीं।