- Home
- Lifestyle
- Lifestyle Articles
- जन्माष्टमी के दौरान घूमने के लिए 5 सबसे अच्छी जगह, यहां होता है सबसे भव्य कृष्ण जन्मोत्सव
जन्माष्टमी के दौरान घूमने के लिए 5 सबसे अच्छी जगह, यहां होता है सबसे भव्य कृष्ण जन्मोत्सव
लाइफस्टाइल डेस्क : भारत में जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त को मनाई जाएगी। जन्माष्टमी एक लॉन्ग वीकेंड पर पड़ रही है और अगर आप जन्माष्टमी पर भव्य कृष्ण जन्मोत्सव देखना चाहते हैं, तो भारत में पांच जगह पर जा सकते हैं। जहां पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं उन पांच जगहों (places to visit during Janmashtami) के बारे में जहां से भगवान कृष्ण का इतिहास जुड़ा है और एक बार आपको यहां की जन्माष्टमी जरूर देखनी चाहिए....
| Published : Aug 16 2022, 10:08 AM IST / Updated: Aug 16 2022, 07:29 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
मथुरा
मथुरा कृष्ण की जन्मभूमि है। मथुरा में एक तूफानी रात में देवकी ने एक कारागार में कृष्ण को जन्म दिया था, इसलिए हर साल यहां सबसे भव्य कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। यहां उत्सव दो भागों में होते हैं - झूलनोत्सव और घाट। झूलनोत्सव वह प्रथा है जिसमें लोग कृष्ण की मूर्तियों के लिए अपने घरों में झूले लगाते हैं। कृष्ण की मूर्तियों को दूध, दही, शहद और यहां तक कि घी से भी सुबह-सुबह स्नान कराया जाता है और मूर्ति को नए कपड़ों और गहनों से सजाया जाता है। दूसरी ओर घाटों की प्रथा में शहर के सभी मंदिरों को एक ही रंग से सजाया जाता है। कृष्ण के जन्म के समय सभी मंदिरों में पूजा की जाती है। जन्माष्टमी के अवसर पर पूरा मथुरा सज जाता है और पारंपरिक शंख, मंदिर की घंटियों और प्रार्थना भजनों की ध्वनि से गूंज उठता है। बांके बिहारी, द्वारकाधीश, कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और इस्कॉन मंदिर यहां के प्रसिद्ध स्थल हैं।
गोकुल
गोकुल वह स्थान है जहां कृष्ण को मथुरा में उनके जन्म के तुरंत बाद ले जाया गया था। यह कृष्ण के बचपन से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। यहां जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है और यहां देश के बाकी हिस्सों के एक दिन बाद गोकुलाष्टमी मनाई जाती है क्योंकि कृष्ण को मध्यरात्रि के बाद मथुरा से यहां लाया गया था। गोकुल में तीर्थयात्रियों के लिए दो सबसे प्रमुख मंदिर राधा रमन मंदिर और राधा दामोदर हैं।
वृंदावन
मथुरा से लगभग 15 किमी दूर वृंदावन है। ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां कृष्ण बड़े हुए थे। यहां राधा और गोपियों के साथ कृष्ण की रास लीला सबसे प्रसिद्ध है। वृंदावन में जन्माष्टमी का त्योहार कृष्ण के जन्मदिन से 10 दिन पहले शुरू होता है। ऐसे में आप यहां जन्माष्टमी का त्योहार मना सकते हैं। वृंदावन में गोविंद देव मंदिर भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इसके अलावा निधि वन, रंगनाथजी मंदिर, राधारमण मंदिर और इस्कॉन मंदिर देखने लायक हैं।
द्वारका
द्वारका एक ऐसा शहर है जिसका बड़ा धार्मिक महत्व है। द्वारका मुख्य रूप से कृष्ण के राज्य के रूप में अपनी पहचान के कारण लोकप्रिय है। ऐसा कहा जाता है कि मथुरा छोड़ने के बाद लगभग पांच हजार वर्षों तक यहां कृष्ण का निवास स्थान रहा। पौराणिक कथा के अनुसार, यह शहर कृष्ण के भाई बलराम ने बनाया था। द्वारका का छह बार पुनर्निर्माण किया गया था और वर्तमान शहर सातवां है। द्वारका में जन्माष्टमी समारोह काफी प्रसिद्ध है। जन्माष्टमी समारोह शहर के सभी हिस्सों में की जाने वाली 'मंगला आरती' की विशेषता है। इसके अलावा यहां भजन, गरबा कार्यक्रम और रास नृत्य के साथ रात भर समारोह होते हैं।
मुंबई
यदि आप भारत में जन्माष्टमी को धूमधाम से मनाना चाहते हैं, तो मुंबई आपके लिए सही जगह है। यहां की दही हांडी की रस्म सबसे लोकप्रिय है। जिसमें बड़ी संख्या में लोग हवा में बंधे मिट्टी के बर्तन तक पहुंचने और तोड़ने के लिए पिरामिड बनाते हैं। यहां दही हांडी उत्सव वर्ली, ठाणे और जोगेश्वरी में होते हैं। जुहू में इस्कॉन मंदिर जन्माष्टमी के दौरान एक शानदार जगह है क्योंकि यह कृष्ण का जन्मदिन बड़े पैमाने पर मनाता है।
ये भी पढ़ें-Janmashtami 2022: वो कौन-सा कृष्ण मंदिर हैं जहां जन्माष्टमी की रात दी जाती है 21 तोपों की सलामी?
Janmashtami 2022: कब मनाएं जन्माष्टमी पर्व? जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और आरती