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हेमंत सोरेन की कुर्सी पर खतरा: झारखंड में नए सीएम की रेस में शामिल है ये 4 नेता, जानें क्या है इनकी प्रोफाइल
रांची. झारखंड की सियासत में शुक्रवार को बड़ा फैसला हो सकता है। सीएम हेमंत सोरेन की विधायकी के मामले में राज्यपााल को फैसला लेना है। दरअसल, चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता से जुड़ी अपनी सिफारिश गवर्नर को भेज दी है। विधानसभा की सदस्यता रद्द करने या फिर चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने का अंतिम फैसला राज्यपाल रमेश बैस को ही लेना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यपाल इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं। ऐसे में झारखंड में एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है। अगर हेमंत सोरेन इस्तीफा देते हैं तो राज्य में अलगा सीएम कौन होगा इसके लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन से नामों की चर्चा मीडिया में है।
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शिबू सोरेन
हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन राज्य के फिर से सीएम बन सकते हैं। इससे पहले भी वो तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। लेकिन सीएम बनने के 6 महीने के अंदर ही उन्हें विधायक बनना पड़ेगा क्योंकि वर्तमान समय में वो विधायक नहीं है। वो राज्यसभा सासंद हैं, उनकी उम्र भी 78 साल है।
चंपई सोरेन
चंपई सोरेन वर्तमान समय में झारखंड सरकार में आदिवासी कल्याण मंत्री हैं। चंपई को सीएम हेमंत सोरेन का काफी करीबी माना जाता है। वो शिबू सोरेन के एस मैन के रूप में भी जाने जाते हैं।
कल्पना सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी के भी सीएम बनाए जाने की अटकलें हैं। फिलहाल वो भी विधायक नहीं हैं। लेकिन हेमंत सोरेन किसी ना किसी रूप में राज्य की सत्ता अपने पास ही रखना चाहेंगे ऐसे में कल्पना सोरेन का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे है।
जोबा मांझी
जोबा मांझी, सोरेन परिवार की करीबी मानी जाती हैं। मौजूदा समय में वो हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्री हैं। जोबा मांझी मनोहरपुर विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीती हैं। ऐसे में उनके नाम की भी चर्चा है।
सीएम बने रह सकते हैं हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन के पास दो विकल्प हैं ऐसे में वो मंत्री बने रह सकते हैं। दरअसल, अगर राज्यपाल उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द करने का फैसला लेते हैं तो वो इस्तीफा देर फिर से राज्य के सीएम बन सकते हैं हालांकि इसके लिए उन्हें 6 महीने के अंदर फिर से सदन का सदस्य बनाना पड़ेगा। लेकिन अगर राज्यपाल चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करते हैं तो फिर ऊपर दिए गए किसी नाम पर विचार किया जा सकता है।
क्या है मामला
दरअसल, बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व सीएम CM रघुवर दास फरवरी में गवर्नर से मुलाकात की थी। उन्होंने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने कि मांग की थी। आरोप था कि हेमंत सोरेन ने पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज लिया है। यह लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9A का उल्लंघन है। इस मामले में गवर्नर ने चुनाव आयोग से राय मांगी थी। चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन से मामले में लिखित जवाब दिया था अब आयोग ने अपनी राय राज्यपाल को भेज दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी विधायकी पर खतरा है।
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