ब्रह्मचर्य तोड़कर 96 साल में पिता बनकर सबको चौंकाने वाले इस शख्स का खौफनाक अंत
सोनीपत, हरियाणा. संभवत: देश के सबसे उम्रदराज पिता माने जाने वाले 104 वर्ष की उम्र के रामजीत राघव की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। मंगलवार रात वे जिस बिस्तर पर सोये थे, तभी बीड़ी पीते वक्त आग में घिर गए। वे बुरी तरह झुलस गए। उल्लेखनीय है कि 2012 में 96 वर्ष की उम्र में रामजीत राघव की पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था। इससे पहले 2009 में भी उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था। माना जा रहा है कि सोते वक्त बीड़ी पीने से कपड़ों में आग लगी होगी। खरखौदा के वार्ड 9 के निवासी राघव दोनों बेटे और पत्नी काफी समय पहले गायब हो गए थे। तब से वो तंगहाली में जीवन गुजर-बसर कर रहे थे। बताते हैं कि उनके पैर में चोट लग गई थी। इसके बाद से वे चलने-फिरने में असमर्थ थे।
| Published : Feb 13 2020, 02:22 PM
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रामजीत शुद्ध शाकहारी थे। अपने स्वस्थ्य जीवन का वे यही राज बताते थे। बता दें कि रामजीत ने अपनी ज्यादातर उम्र ब्रह्मचार्य में गुजारी थी।
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ढलती उम्र में रामजीत के संपर्क में 52 वर्षीय अनाथ महिला शंकुतला संपर्क में आई थी। इसके बाद दोनों साथ रहने लगे।
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रामजीत मेहनत-मजदूरी करके अपना जीवन गुजार रहे थे। बताते हैं कि 2012 में उनका बड़ा बेटा लापता हो गया था। दो साल बाद पत्नी और छोटा बेटा भी। इस घटना के बाद से रामजीत मायूस थे।
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रामजीत महावीर कॉलोनी की एक मजार से लगे जर्जर कमरे में रहते थे। मंगलवार रात वे बुरी तरह झुलस गए थे। जब लोगों की नजर उन पर पड़ी, तो पीजीआइ, रोहतक में एडमिट कराया गया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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रामजीत की पत्नी शकुंतला मानसिक रूप से दिव्यांग थी। 5 अक्टूबर, 2012 को जब वे दूसरे बेटे के पिता बने, तो दुनियाभर की मीडिया में वे छा गए थे।
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लोग बताते हैं कि रामजीत की नजरें भी कमजोर हो गई थीं। वे बीड़ी पीते थे। शायद बीड़ी जलाने के दौरान माचिस की तीली बिस्तर पर गिर पड़ी होगी। जब लोगों ने धुआं उठते देखा..तब उनकी मदद के लिए दौड़े।