ऐसा वैसा नहीं ये है दुनिया का सबसे महंगा आम, 1 किलो की कीमत में आ जाएगी 1 छोटी कार
फूड डेस्क: गर्मियों का सीजन आते ही मार्केट में आम (Mango) की भरमार आ जाती है। दुनिया भर में कई किस्मों के आम पाए जाते हैं। जिसकी कीमत 50 से लेकर 500 रुपए तक होती है। लेकिन अगर हम कहें कि मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसे किस्म की आम मिलता है, जिसकी कीमत 2.7 लाख रुपए प्रति किलो है, तो आप हैरान रह जाएंगे। लेकिन यह बात शत प्रतिशत सच है की जबलपुर में एग ऑफ सन यानी सूरज का अंडा नाम से मशहूर इस आम की खेती की जाती है। पर्पल कलर का यह आम दुनिया भर में मशहूर है। आइए आपको बताते हैं इस आम (Most Expensive Mango) की खासियत बारे में...
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आम फलों का राजा है, इसलिए शायद दुनिया भर में आम के प्रेमी सबसे ज्यादा होते है। लेकिन अगर आप टाइयो नो टमैंगो नाम के इस किस्म के आम को खाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपनी जिंदगी भर की कमाई चुकानी पड़ सकती है।
दरअसल, मध्यप्रदेश के जबलपुर में जापान का फेमस मियाज़ाकी (Miyazaki) किस्म का आम लगाया जा रहा है। आमतौर पर ये आम जापान के क्यूशू प्रान्त में मियाज़ाकी शहर में उगाए जाते हैं। जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 2.7 लाख रुपए प्रति किलोग्राम है।
इस आम की कीमत और खासियत को देखते हुए इस बगीचे की सुरक्षा के लिए 3 गार्ड और 9 कुत्तों को लगा कर रखा है ताकि यहां किसी भी प्रकार की चोरी ना हो सके।
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भारत में दामिनी नाम से मशहूर यह आम पकने के बाद करीब 900 किलोग्राम का हो जाता है। इसका रंग हल्का लाल और पीला होता है। साथ ही इसमें रेशे बिल्कुल नहीं होते हैं और इसका स्वाद भी बेहद ही लाजवाब होता है। इसमें शुगर की मात्रा 15% या इससे ज्यादा होती है।
जबलपुर में इन आमों की खेती करने वाले संकल्प परिहार ने बताया कि एक बार चेन्नई जाते समय एक व्यक्ति ने उन्हें इस आम के दो पेड़ दिए थे और कहा था कि इस पेड़ को बच्चे की तरह संभालना। जब उन्होंने यह पेड़ लगाया तो इसे बढ़ता दे वह भी हैरान थे, क्योंकि इसमें लगने वाले फल का कलर रूबी था, जो साधारण आम फलों से काफी अलग था। बाद में उन्हें पता चला कि यह मशहूर टाइयो नो टमैंगो आम है।
संकल्प परिहार के पास अब 4 एकड़ की जमीन पर कई आम के पेड़ लगे हुए है। जिसमें से 14 हाइब्रिड और 6 विदेशी किस्म के आम है। उनके पास टाइयो नो टमैंगो आम के 52 पेड़ है।
बता दें कि टाइयो नो टमैंगो नाम आम का उत्पादन 70 और 80 के दशक में जापान में शुरू हुआ था। यह फल गर्म मौसम, लंबे समय तक धूप और बारिश में रहने के बाद पकता है। इसका आकार डायनासोर के अंडे की तरह दिखता है।
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