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खुद को IAS अफसर बताने वाले बस कंडक्टर की खुली पोल, लड़की के नाम का सहारा लेकर गढ़ी झूठी कहानी

बेंगलुरु. सिविल सर्विस परीक्षा देश में सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा मानी जाती हैं। इसके लिए हर साल पूरे देश में लाखों की तादाद में बच्चे तैयारी करते हैं। इसमें आईएस अधिकारी जैसे पद भी शामिल हैं। अब कर्नाटक राज्य से इसी परीक्षा को पास करने को लेकर एक बस कंडक्टर ने दावा किया। उसने कहा कि साल 2019 में उसने रोजाना मात्र 5 घंटे पढ़ाई कर यूपीएससी की परीक्षा पास की है। इसके बाद देश की पूरी मीडिया सहित सोशल मीडिया पर बस कंडक्टर की वाहवाही में तालियां बजने लगीं। मीडिया में कर्नाटक के मांड्या जिले के रहने वाले बस कंडक्टर मधु एनसी के संघर्ष की कहानी छपने लगीं पर अब उसकी पूरी पोल खुल गई है जिससे हर कोई हैरान है।
 

Asianet News Hindi | Updated : Feb 05 2020, 05:33 PM
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मधु एनसी बेंगलुरू मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्सट कॉर्पोरेशन (बीएमटीसी) में कंडक्टर के पद पर तैनात हैं। उन्होंने दावा किया कि, साल 2019 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी थी जिसका रिजल्ट आ गया है। इसके साथ ही उन्होंने एक लिस्ट शेयर की जिसमें मधु नाम पर दर्ज रैंक को अपना बताया।
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इसके बाद हर कोई एक बस कंडक्टर के यूपीएससी पास करने को लेकर हैरान हो उठा। मधु की चौतरफा वाहवाही होने लगी। ये खबर को 28 जनवरी 2020 को सामने आई और हर मीडिया चैनल पर नजर आने लगी। सोशल मीडिया पर भी बस कंडक्टर को सपोर्ट मिला और लोग उन्हें प्रेरणा मान धड़ाधड़ा शेयर करने लगे। (प्रतीकात्मक फोटो)
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पर अब खबर सामने आई है कि, बस कंडक्टर ने अपने संघर्ष की कहानी सुनाकर मीडिया तो क्या पूरे देश की जनता को गुमराह कर किया है। दरअसल उसे फर्जी रोल नंबर और शीट दिखाकर ये झूठा दावा किया था। साल 2020 की यूपीएससी कैंडिडेट्स की लिस्ट में उसका कहीं कोई नाम नहीं है। (प्रतीकात्मक फोटो)
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जांच करने के बाद, यह पाया गया कि मधु का नाम सूची में नहीं था, जिसका सीधा मतलब है कि उसने परीक्षा को पास नहीं किया था। इसके अलावा, मधु ने जो मार्कशीट दिखाई थी, वह वास्तव में उसकी नहीं थी बल्कि किसी मधु कुमारी नाम की लड़की की थी। बस कंडक्टर ने लड़की के नाम का सहारा लेकर देश को गुमराह करने वाली झूठी कहानी गढ़ी थी जिससे हर किसी को झटका लगा है। (प्रतीकात्मक फोटो)
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बस कंडक्टर की खबर को देश के बड़े-बड़े मीडिया अखबार और वेबसाइट्स ने पब्लिश किया था। पोल खुलने के बाद सभी ने अपने अधिकारिक अकाउंट पर इस गलती के लिए माफी मांगी। बस कंडक्टर ने मीडिया और जनता दोनों के साथ झूठी कहानी बना खिलवाड़ किया। (प्रतीकात्मक फोटो)
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उसने एक लंबी कहानी सुनाई कि, वो अनपढ़ परिवार से आता है। उसने नौकरी की शुरुआत 19 साल की उम्र में ही कर दी थी। अपने घर में वो सबसे छोटा है और स्कूल जाने वाला पहला इंसान है। उनका बड़ा भाई और एक बहन भी है जिन्होंने कभी स्कूल नहीं देखा। पर मधु ने पढ़ाई की। उसने बताया कि परिवारवाले उसके अधिकारी बनने पर बहुत खुश हैं। बहरहाल इस मामले में BMTC अब यह जांच कर रही है कि कंडक्टर ने अपने परिणामों को कैसे और क्यों गलत तरीके से पेश किया और मामले की आगे जांच की जा रही है। (प्रतीकात्मक फोटो)
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