- Home
- Fact Check News
- Corona Fact Check: सड़क पर खांसता घूम रहा था कोरोना का मरीज, पुलिस ने बड़ी चतुराई से पकड़ा
Corona Fact Check: सड़क पर खांसता घूम रहा था कोरोना का मरीज, पुलिस ने बड़ी चतुराई से पकड़ा
नई दिल्ली. कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर रोजाना कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। पिछले दो-तीन दिन से पुलिस के कोरोना वायरस के मरीजों को पकड़ने के वीडियो वायरल हो रहे हैं। वीडियो में पुलिस कोरोना मरीजों को पकड़ एम्बुलेंस में डाल अस्पताल ले जा रही है। फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर ये वीडियो काफी शेयर किए जा रहे हैं। लोगों ने दावा किया कि सड़क पर खांसते हुए घूम रहे कोरोना के मरीज को पुलिस ने पकड़ लिया। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई है?
| Updated : Mar 29 2020, 05:23 PM
3 Min read
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
Follow Us
18
)
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस जागरूकता पर दो अलग-अलग वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि वीडियो में पुलिस संदिग्ध कोविड-19 मरीजों को रोक रही है। ये वीडियो 24 मार्च, 2020 को गाजियाबाद और गोरखपुर के हैं।
28
वायरल पोस्ट क्या है? दो वीडियो हैं दोनों में पुलिस कोरोना वायरस के मरीजों को पकड़ती नजर आ रही है। मरीज दूसरे लोगों में वायरस फैला सकते हैं। वीडियो काफी मनोरंजक भी हैं, पुलिस काफी चतुराई से इन मरीजों को पकड़ती दिख रही है। वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा गया है, "बरेली के सी बी गंज में पहला मरीज मिला है आप लोग इसको देखकर इसके ख़तरे का अनुमान लगा सकते है!!
38
क्या दावा किया जा रहै? वीडियो 1 में कैप्शन के साथ दावा किया गया है कि यह बरेली के सीबी गंज का है। 90 सेकंड के लंबे वीडियो में एक आदमी को सुनसान सड़क पर चलते हुए दिखाया गया है और वह बुरी तरह खांस रहा है। फिर कुछ पुलिसकर्मी दो दिशाओं से उसके पास पहुंचते हैं। जबकि पुलिस में से एक आदमी के सामने एक ढाल रखता है, दूसरा उसके चेहरे पर मास्क डालता है। फिर उसे एक एम्बुलेंस में ले जाया जाता है।
48
वीडियो 2 इस वीडियो के साथ कैप्शन में दावा किया गया है 'गोरखपुर में पाया गया एक संदिग्ध कोरोनावायरस केस'। दो मिनट के वीडियो में एक कार एक सुनसान सड़क पर चलती दिखाई देती है जब वर्दी के ऊपर सुरक्षात्मक गियर पहने दो पुलिस वाले उनकी कार रोकते हैं। बैकग्राउंड में एक घोषणा सुनी जा सकती है, जिसमें यात्रियों को बाहर निकलने और खुद की जांचने कराने का निर्देश दिया जा रहा है।
58
सच्चाई क्या है? ये दोनों ही वीडियो असली कार्रवाई के नहीं हैं। गूगल पर जब हमने वीडियो सर्च किए तो पता चला कि ये वीडियो पुलिस द्वारा आयोजित मॉक ड्रिल का हिस्सा है जो कोरोनावायरस के मामलों को संभालने के लिए किया गया था। दोनों वीडियो अलग-अलग चेक किए और पाया कि दोनों वीडियो में वाहन पंजीकरण संख्या उत्तर प्रदेश की थी। हमने तब 'कोरोनावायरस मॉक ड्रिल उत्तर प्रदेश' कीवर्ड के साथ यूट्यूब पर एक खोज की और दोनों क्लिप पाए। जिस वीडियो को बरेली का वीडियो बताया जा रहा है, वह दरअसल 24 मार्च को यूपी के गाजियाबाद में किया गया एक मॉक ड्रिल था।
68
दूसरा वीडियो, जैसा कि दावा किया गया है, गोरखपुर का है। हालांकि, वीडियो में देखा गया व्यक्ति एक संदिग्ध कोरोनावायरस रोगी नहीं है, बल्कि ड्रिल का आयोजन करने वाली टीम का हिस्सा है। वीडियो को गोलघर, चेतगंज ट्राई जंक्शन पर रिकॉर्ड किया गया था।
78
ये निकला नतीजा- सोशल मीडिया पर बैठे धुरंधरों ने इन वीडियोज को फर्जी और भ्रामक जानकारी वाले कैप्शन के साथ वायरल कर दिया। जबकि ये दोनों ही वीडियो किसी कोरोना मरीज के पकड़े जाने के नहीं हैं। ऐसे में इन दोनों ही वायरल पोस्ट पर भरोसा न करें।
88
पूरी दुनिया में कोरोना से डर का माहौल है। कई देशों में लॉकडाउन हो चुका है। कई देश में दूसरे फेज का लॉकडाउन होने वाला है। भारत में भी कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर हजार के पार पहुंच गई है। वहीं अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना ने चीन, अमेरिका, इटली, ब्रिटेन और फ्रांस में कहर बरपा रखा है।