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बाढ़ में नहीं टूटा बिहार का 264 करोड़ में बना सत्तरघाट पुल, नीतीश कुमार को बदनाम करने को फैलाई गई फेक खबर

फैक्ट चेक: कुछ दिनों पहले बड़ी खबर सामने आई थी कि बिहार में आई बाढ़ में वहां हाल ही में बनाए गए करोड़ों का पुल टूट गया है। इस पुल को बनाने में 264 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। लालू यादव के बेटे सहित भारत के कई मीडिया संस्थानों ने खबर चलाई थी। इसमें कहा गया था कि 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने जिस सत्तरघाट पुल का उदघाटन किया था, वो 16 जुलाई को भारी बारिश में टूट गए। इसका वीडियो भी शेयर किया गया था। लेकिन आपको  बता दें कि ये खबर गलत है। बाढ़ में टूटा पुल सत्तरघाट नहीं है। आइये आपको बताते हैं इस खबर की सच्चाई... 

Asianet News Hindi | Updated : Jul 23 2020, 03:01 PM
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16 जुलाई को खबर आई कि बिहार में हो रही बरसात से गंडक नदी का स्तर बढ़ गया और उसमें बाढ़ आ गई। इसके कारण नदी के आसपास  के इलाकों में भारी तबाही आ गई। 

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गंडक में आए बाढ़ के कारण सत्तरघाट पुल को नुकसान पहुंचा और ये टूटकर गिर गया। खबर के साथ वीडियो भी शेयर किया गया, जिसमें चंद सेकंड्स में पुल ढहते नजर आया।  

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ये पुल गोपालगंज में पड़ता है, जिसे गंडक नदी के ऊपर बनाया गया था। इसका 16 जून को ऑनलाइन उदघाटन किया गया था। इसे बनाने में 264 करोड़ रुपए खर्च किये गए थे। 

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इस खबर को तेजस्वी यादव से लेकर कई मीडिया संस्थानों ने शेयर किया। लगभग हर किसी ने वीडियो में दिख रहे पुल को सत्तरघाट पूल बताया। 
 

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लेकिन आपको बता दें कि ये ये वीडियो सत्तरघाट पुल का नहीं है। करोड़ों की लागत से बने इस पुल को बाढ़ में कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। 
 

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दरअसल, वीडियो में दिख रहा पुल सत्तरघाट से 2 किलोमीटर दूर बना दूसरा पुल है। 18 मीटर का ये पूल अप्रोचिंग रोड था। सत्तरघाट पूरी तरह सुरक्षित है। 

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इस खबर की पुष्टि बिहार के सूचना और जन-संपर्क विभाग ने ट्वीट कर की। ट्वीट में लिखा कि मीडिया में चल रही खबर झूठी है। जारी नोटिस में कहा गया कि पानी के दबाब के कारण छोटे पुलके पास की मिट्टी में कटाव हुआ जिससे वो गिर गई। लेकिन मुख्य सत्तरघाट पुल जो 1.4 किलोमीटर लम्बा है वह पूर्णतः सुरक्षित है। 

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