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पाकिस्तान के खिलाफ लगाए 1 शॉट ने बना दिया था हीरो, अब लोग भूल गए हैं इस क्रिकेटर का चेहरा
नई दिल्ली. भारत में खिलाड़ियों को स्टार का दर्जा मिलने में जरा भी देर नहीं लगती। बड़े प्लेटफॉर्म पर एक अच्छा मैच और आप रातों रात स्टार खिलाड़ी बन जाते हैं। भारत में ऐसे बहुत से खिलाड़ी रहे हैं जो एक मौके पर अच्छा प्रदर्शन कर के अचानक गायब हो गए। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं ऋषिकेश कानिटकर। भारत के लिए महज 2 टेस्ट खेलने वाले इस खिलाड़ी ने कभी भी अपने दम पर मैच नहीं पलटा, पर पाकिस्तान के खिलाफ इनके चौके को आज भी याद किया जाता है। बांग्लादेश की आजादी के 25 साल पूरे होने पर सिल्वर जुबली इंडिपेंडेंस कप खेला गया। इस टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान की टीमें फाइनल में पहुंची। फाइनल जीतने के लिए मैच की आखिरी 2 गेंदों में भारत को 3 रन चाहिए थे। कानिटकर ने चौका लगाकर भारत को विजेता बना दिया। इस चौके के लिए कानिटकर को आज भी याद किया जाता है।
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आज के समय में 2 गेंदों में 12 रन भी बन जाते हैं, पर 1998 में हर गेंद में एक रन बनाना भी बड़ी बात होती थी। ऐसे समय में कानिटकर ने दबाव के बावजूद बेहतरीन चौका लगाया था।
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सिल्वर जुबली इंडिपेंडेंस कप का फाइनल सिर्फ एक मैच में खत्म नहीं हुआ था। इस टूर्नामेंट में दोनों टीमों के बीच तीन फाइनल खेले गए थे, जिसमें से भारत ने 2 फाइनल जीतकर खिताब अपने नाम किया था।
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पाकिस्तान के खिलाफ चौका लगाने के अलावा कानिटकर ने अपने पूरे करियर में कुछ खास नहीं किया। यही वजह थी कि उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले और महज 3 साल में ही उनका करियर खत्म हो गया।
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भारत के लिए खेले 2 टेस्ट मैच में उन्होंने 74 रन बनाए और सिर्फ 1 ही ओवर फेका। इस ओवर में भी उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।
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कानिटकर ने भारत के लिए 34 वनडे मैच खेले। जिनमें उन्होंने 339 रन बनाए और 17 विकेट निकाले। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 57 रन रहा।
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1998 में कमाल का चौका लगाने के बाद कानिटकर ने 1999 में टेस्ट डेब्यू किया और 2000 में अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला।
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इंटरनेशनल क्रिकेट से बाहर होने के बाद उन्होंने कोचिंग में भी हाथ आजमाया। कानिटकर कई घरेलू टीमों के कोच रह चुके हैं।
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उन्होंने अपना आखिरी फर्स्ट क्लास मैच साल 2013 में खेला था। इसके बाद से उन्होंने कोचिंग में हाथ आजमाया।
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कानिटकर फिलहाल NCA में कोच की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्होंने बल्लेबाजी कोच के रूप में साल 2019 में यह एकेडमी ज्वाइन की।
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IPL में भी कानिटकर कोचिंग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्होंने धोनी की टीम राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के लिए कोचिंग की थी।