U19 World Cup 2022: इन खिलाड़ियों की बदौलत वर्ल्ड चैंपियन बना भारत
अंडर 19 विश्व कप 2022 (Under 19 World Cup 2022) के फाइनल मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को 4 विकेट से हराकर खिताब जीत लिया। जूनियर टीम इंडिया पांचवीं बार वर्ल्ड चैंपियन बनी है। इससे पहले भारत ने साल 2000, 2008, 2012 और 2018 में खिताब जीता था। 190 रनों का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी टीम इंडिया ने 47.4 ओवर में छह विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत की ओर से निशांत सिंधु 50 रन बनाकर अंत तक नाबाद रहे। इसके अलावा शेख राशिद ने भी 50 रनों की उपयोगी पारी खेली। इसके अलावा राज बावा 35 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत की दहलीज तक ले गए।
| Published : Feb 06 2022, 03:39 AM IST / Updated: Feb 06 2022, 03:51 AM IST
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वैसे तो इस जीत में पूरी टीम का योगदान है लेकिन पांच खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने भारत को विजेता बनाने में सबसे ज्यादा योगदान दिया। तो आइये जानते हैं उन पांच नायकों के बारे में।
टीम इंडिया की जीत के नायक-
राज बावा
टीम इंडिया की जीत में सबसे बड़ा योगदान अगर किसी खिलाड़ी का रहा तो वह राज बावा का रहा। अहम समय पर उनके द्वारा किए गए ऑलराउंड प्रदर्शन की बदौलत भारत ट्रॉफी जीतने में कामयाब रहा। राज ने पहले किफायती गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट अपनी झोली में डाले फिर बल्लेबाजी में भी कमाल करते हुए 35 रनों की पारी खेली। राज ने 3.20 की इकोनॉमी से गेंदबाजी करते हुए 9.5 ओवर में 31 रन देकर 5 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। वहीं उन्होंने बल्लेबाजी में ऐसे समय रन बनाए जब टीम बिखर रही थी और उस पर हार का खतरा मंडरा रहा था।
निशांत सिंधु
निशांत सिंधु के योगदान को भी इस जीत में कम नहीं आंका जा सकता। उन्होंने पहले गेंदबाजी और फिर बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम की राह आसान की। निशांत ने पहले कमाल की गेंदबाज की। हालांकि उन्हें विकेट तो नहीं मिला लेकिन उन्होंने मात्र 3.20 की इकोनॉमी से गेंदबाजी करते हुए 6 ओवर में मात्र 19 रन खर्च किए। इसके बाद बल्लेबाजी में तो उन्होंने और भी जोरदार छाप छोड़ी। वे 50 रन बनाकर अंत तक नाबाद रहे।
रवि कुमार
इस बड़े और अहम मुकाबले में इंग्लैंड पर शुरुआत दबाव बनाने के श्रेय रवि कुमार को ही जाता है। रवि द्वारा शुरुआत झटके देने के बाद ही इंग्लैंड खुलकर नहीं खेल सका और साधारण स्कोर पर ही ढेर हो गया। रवि ने 9 ओवर के अपने स्पैल में मात्र 3.80 की इकोनॉमी से रन दिए। उन्होंने 34 रन देकर 4 इंग्लिश बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया।
शेख राशिद
शुरुआत झटके लगने के बाद टीम इंडिया संकट में घिरी नजर आ रही थी। ऐसे वक्त में शेख राशिद टीम के लिए संकटमोचक बनकर आए। 50 रनों की ठोस और मजबूत पारी की बदौलत की मध्यक्रम और निचले क्रम के बल्लेबाजों को जीत का विश्वास पैदा हुआ। हालांकि उनकी बल्लेबाजी अपेक्षाकृत धीमी रही लेकिन उस समय टीम की जरूरत रन बनाने से ज्यादा मैदान पर जमने की थी। उन्होंने 59.52 की स्ट्राइक रेट से 84 गेंदों में 50 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने 6 चौके भी जमाए।
दिनेश बाना
मैच के सबसे यादगार पल की स्क्रिप्ट दिनेश बाना ने ही लिखी। उनकी पारी हालांकि छोटी थी लेकिन काफी उपयोगी भी थी। अंत के ओवर्स में मैच किसी भी तरफ जा सकता था। ऐसे में दिनेश ने मैदान में उतरते ही विरोधियों पर ऐसा दबाव बनाया कि अंग्रेज हक्के-बक्के रह गए। उन्होंने मात्र 5 गेंदों में ही 13 रन बनाकर 14 गेंदें शेष रहते टीम को जीत दिला दी। उनके छक्का मारकर जीत दिलाने के पल में 11 साल पहले की याद ताजा कर दी। साल 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ ऐसे ही छक्का मारकर जीत दिलाई थी।
आसान लक्ष्य का पीछा करने में टीम इंडिया का आए पसीने
एक समय ऐसा लग रहा था कि भारत आसानी से इस लक्ष्य को हासिल कर लेगा, लेकिन इंग्लैंड ने शानदार गेंदबाजी करते हुए मैच को अंत तक खींच लिया। 109 रनों के लक्ष्य का पीछा करने में भी टीम इंडिया का पसीने छूट गए। अगर टीम एक-दो विकेट और गिर जाते तो मैच का परिणाम कुछ और भी हो सकता था। खैर अंत भला तो सब भला। जीत आखिर जीत होती है फिर चाहे किसी भी परिस्थिति से जूझते हुए मिली हो।