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डिप्रेशन में जाने के बाद अपनी जिंदगी खत्म करना चाहता था यह गेंदबाज, 2011 वर्ल्डकप में दिलाई थी जीत
नई दिल्ली. 2011 वर्ल्डकप में टीम इंडिया का पेस अटैक संभालने वाले तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने खुलासा किया है कि भारतीय टीम से बाहर होने के बाद वो डिप्रेशन में चले गए थे। उन्होंने बताया कि करियर में पहले चोट और फिर कड़ी प्रतिस्पर्धा के वो लंबे समय से भारतीय टीम में जगह नहीं बना रहे थे। इसके चलते वो डिप्रेशन में चले गए थे और अपना जीवन खत्म करना चाहते थे।
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इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में प्रवीण कुमार में ने बताया कि उन्होंने अपनी रिवॉल्वर से खुद को लगभग शूट कर दिया था।
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भारतीय टीम से बाहर होने के बाद प्रवीण कुमार को शराब की लत लग गई थी। उन्होंने खुद बताया कि उन्हें हद से ज्यादा शराब पीने की लत लग गई थी।
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शराब के कारण ही प्रवीण कुमार चोट के बाद वापसी नहीं कर पाए और उनका फिटनेस लेवल भी कभी नए मानकों पर खरा नहीं उतरा।
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उन्होंने कहा "आप मुझे बताइए कि कौन शराब नहीं पीता। लोगों ने यह धारणा बना रखी है, पता नहीं क्यों लोग मेरे बारे में सही चीजें नहीं बोलते।"
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इस तेज गेंदबाज ने आगे अपने बचाव में कहा "मैने 10 लड़कियों की शादी करवाई, मैं छोटे बच्चों का खर्चा उठाता हूं, मैं क्रिकेटर्स की मदद करता हूं, पर इंडिया में लोग एक हवा बनाते हैं। मेरे बारे में गलत हवा बनाई गई। हवा तो हवा होती है एक बार चल गई तो कोई कुछ नहीं कर सकता।"
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उन्होंने आगे खुलासा करते हुए कहा "मुझे दाईं आंख में ठीक से दिखाई नहीं देता। बचपन में क्रिकेट खेलते हुए आंख में एक गेंद लग गई थी। दिल्ली अस्पताल में इलाज हुआ, डॉक्टर ने कहा कि वो ट्रांसप्लांट कर सकते हैं पर विजन वापिस आने की कोई गारंटी नहीं है। इसके बाद पिता ने ऑपरेशन के लिए मना कर दिया था।"
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प्रवीण आमतौर पर स्लोअर गेंद पर आउट होते थे क्योंकि धीमी गेंद उन्हें सही से पकड़ में नहीं आती थी।
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उन्होंने आगे बताया कि बाउंसर खेलने में भी उन्हें दिक्कत होती थी पर लेंथ गेंद के खिलाफ हमेशा उनका प्रदर्शन बेहतर होता था।
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प्रवीण कुमार ने भारत के लिए 68 वनडे मैचों में 77 विकेट निकाले हैं। प्रवीण अपनी स्विंग के लिए जाने जाते थे।
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सिर्फ 6 टेस्ट खेलने वाले प्रवीण कुमार ने 27 विकेट झटके हैं। वनडे में भी उनका बेस्ट स्कोर 31 रन देकर 4 विकेट था।