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एक बेटी के मां-बाप की CM से भावुक अपील, 'उसे वापस ले आइए, डर है कि वो कुछ कर न ले'
महासमुंद, छत्तीसगढ़. यह तस्वीर लॉकडाउन में फंसे बच्चों के माता-पिता के दर्द को दिखाती है। इस दम्पती की बेटी कोटा में पढ़ाई कर रही है। लॉकडाउन के कारण वो वहां फंसी हुई है। इन्हें डर है कि उनकी बेटी इस माहौल से डिप्रेशन में आकर कुछ उल्टा-सीधा न कर ले। मन में बुरे-बुरे ख्याल आते ही यह दम्पती रो पड़ा। इसने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम एक भावुक वीडियो संदेश भेजा है। इसमें दम्पती रोते हुए कह रहे हैं कि उनकी बेटी कोटा में फंसी हुई है। उसे ठीक से खाने को भी नहीं मिल रहा। वो बहुत डरी हुई है। इस दम्पती ने कहा कि वो हाथ जोड़कर-पांव पड़कर विनती कर रहे हें कि उनकी बेटी को घर ले आइए। इसके लिए जो शर्त होगी, वो उन्हें मंजूर है। इसी तरह ही(पहली तस्वीर) महासमुंद की रहने वाली एक छात्रा ने भी मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा है। इसमें उसने घर वापस लाने की अपील की है।
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यूपी और मध्य प्रदेश ने बसें भेजकर सैकड़ों बच्चों को कोटा से निकालकर उनके घरों तक पहुंचाया है। इसी से छत्तीसगढ़ के माता-पिताओं को भी उम्मीद जागी है। यह दम्पती भी अब अपनी बेटी को वापस लाना चाहता है।
यह चिट्टी महासमुंद की ही रहने वालीं स्वाति ने मुख्यमंत्री को लिखी है। उनके साथ हॉस्टल में तीन और बच्चे फंसे हुए हैं। स्वाति ने लिखा कि ये लोग वहां बहुत परेशान हैं। वो मेडिकल कोचिंग के लिए कोटा गई थी। अब रातों को नींद नहीं आ रही। मानसिक रूप से परेशान है। उसे घर वापस लाने का इंतजाम किया जाए। हालांकि इस बीच मुख्यमंत्री ने स्प्ष्ट किया है कि वे सबकी घर वापसी के प्रयास कर रहे हैं। इस मामले में हाईकोर्ट में भी एक याचिका लगाई गई है। इस पर सरकार 27 अप्रैल को अपना पक्ष रखेगी।
यह तस्वीर भुवनेश्वर की है। लॉकडाउन के कारण कई लोगों को खाने की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
यह तस्वीर नई दिल्ली की है। सबकुछ बेहतर होने की उम्मीद में खड़े लोग।
यह तस्वीर नोएडा की है। जिंदगी में कितने भी संघर्ष आएं, लेकिन इंसान की ताकत उसे हरा देती है। ये लाइनें मजबूरी सही, लेकिन कोरोना को हराने लॉकडाउन का पालन जरूरी है।
यूपी के गौतमबुद्ध नगर की यह तस्वीर बताती है कि जिंदगी में कितनी भी कठिनाइयां आएं, इंसान का साहस नहीं डिगता। वो अपना काम करता रहता है।