MalayalamEnglishKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathi
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • KEA 2025
  • Home
  • States
  • Chhattisgarh
  • कबाड़ से यह जुगाड़ गाड़ी बनाकर दो बच्चों ने दूर कर दी अपने मां-बाप की तकलीफ, यह है वजह

कबाड़ से यह जुगाड़ गाड़ी बनाकर दो बच्चों ने दूर कर दी अपने मां-बाप की तकलीफ, यह है वजह

सुकमा, छत्तीसगढ़. छोटे बच्चों का दिमाग बहुत शॉर्प होता है। उनके पास ढेरों सवाल होते हैं, जिनका वे समाधान ढूढ़ने में लगे रहते हैं। अब इसे ही देखिए। भला 8 और 5 साल के बच्चों से आप क्या उम्मीद करेंगे? यही कि वे खेलें-कूदें और खाएं-पीएं। मौजमस्ती करें। लेकिन यहां इन बच्चों ने लॉकडाउन में स्कूल आदि बंद होने का गजब फायदा उठाया। वे कहीं से कबाड़ में पड़े साइकिल के दो पहिये उठा लाए। अगले छोटे पहिये खुद जुगाड़ से बनाए और देसी तकनीक से यह गाड़ी तैयार कर दी। यह गाड़ी सिर्फ बच्चों के खेलने के काम नहीं आती, यह जंगल से लकड़ियां घर तक लाने में भी मददगार साबित हो रही है। इन आदिवासी बच्चों के मां-बाप जंगल से लड़कियां लाते वक्त बहुत थक जाते थे। इस गाड़ी ने उनकी परेशानी दूर कर दी है। जानिए पूरी कहानी...

Asianet News Hindi | Updated : Sep 02 2020, 05:16 PM
4 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
18
Asianet Image

यह बच्चा सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित कुकानार के धुररास गांव में रहते है। यह जुगाड़ गाड़ी चर्चा में है। यह स्पेशल गाड़ी पर इनके परिजन अब महुआ से लेकर लड़कियां तक ढोते हैं। इन नन्हे इंजीनियरों में सुखदेव 8 साल का है और 6वीं में पढ़ता है। इसका दोस्त 5 साल का है और दूसरी क्लास में पढ़ता है। 

28
Asianet Image

यह गाड़ी खेल-खेल में बनाई गई है। लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हैं। ऐसे में दोनों बच्चों ने अपने खेल के लिए यह गाड़ी बनाई। लेकिन अब यह बड़ों के भी बड़े काम आ रही है।

आगे देखें... देसी जुगाड़ से बनी गजब की साइकिल, कार के पहिये और बाइक के ब्रेक, दौड़ती है 60 की स्पीड से

38
Asianet Image

सीकर, राजस्थान. सीकर के रहने वाले गोपाल जांगिड़ और मनीष कोई मैकेनिकल इंजीनियर नहीं हैं, फिर भी देसी जुगाड़ से एक गजब साइकिल बना डाली। इस साइकिल में कार और बाइक दोनों की चीजें असेंबल की गई हैं। यह तस्वीर देखकर तो समझ ही गए होंगे कि साइकिल के पहिये किसके हैं? ये हैं कार के पहिये। इनका बेस है 24 इंच और ऊंचाई 3 फीट। करीब 4 फीट ऊंची साइकिल में पल्सर बाइक के डिस्क ब्रेक का इस्तेमाल किया गया है। यह साइकिल 60 किमी/घंटे की रफ्तार से दौड़ती है।

आगे पढ़िए इसी साइकिल की खासियत...

48
Asianet Image

इस साइकिल को बनाने में करीब एक महीने का समय लगा। इस साइकिल में स्कोडा कार के पहियों का इस्तेमाल किया गया है। चूंकि पहिये कार हैं, इसलिए ब्रेक भी बदलना जरूरी था। इसमें पल्सर बाइक के डिस्क ब्रेक यूज किए गए। साइकिल को बनाने में 3 इंच मोटे पाइप का इस्तेमाल किया गया, ताकि मजबूती बनी रहे। मनीष व गोपाल जांगिड ने इस साइकिल में स्पीडोमीटर भी लगाया है, ताकि स्पीड का पता चल सके। इसमें टेल लाइट भी लगाई गई है।

आगे पढ़िए...यह है देसी जुगाड़ से बनी एकदम धांसू साइकिल, डबल चेन पर 54 किमी/घंटे की स्पीड से दौड़ती है

58
Asianet Image

जमशेदपुर, झारखंड. यह हैं चाईबासा स्थित सुपलसाई के रहने वाले 48 वर्षीय विलियम लेयांगी। जहां आम साइकिलें सामान्यतौर पर 18 किमी/घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं, वही यह साइकिल 54 किमी/घंटा की स्पीड से दौड़ती है। इसमें जहां दो चेन हैं, वहीं 4 कबाड़ साइकिलों से छोटे-बड़े गीयर-एक्सएल आदि निकालकर असेंबल किए गए हैं। यह साइकिल 6 गीयर पर चलती है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि विलियम सिर्फ मैट्रिक तक पढ़े हैं। विलियम साइकिल की मरम्मत की दुकान चलाते हैं।

आगे पढ़ें...बीकानेर की लगड़ीं, लेकिन बहुत काम की साइकिल...

68
Asianet Image

राजस्थान के बीकानेर जिले की पांचू पंचायत के सांईसर गांव के रहने वाले दो भाइयों पवन और नंदकिशोर पंचारिया ने खेत में बीज बोने यह साइकिल बनाई है। इनके पास 15 बीमा खेत हैं। लॉकडाउन काल में फ्री बैठे-बैठे उन्हें साइकिल को खेती में काम लाने लायक आइडिया आया। उन्होंने साइकिल का पिछला पहिया निकालकर उसे इस तरह तैयार किया कि उससे खेतों में बीज बोये जा सकते हैं। इससे उनका खर्चा बचा और काम भी आसान हुआ।

आगे पढ़ें... आगे पढ़े बिलासपुर में रेलवे ने बनाई अनूठी साइकिल...

78
Asianet Image

बिलासपुर, छत्तीसगढ़. भारतीय रेलवे ने सबसे सस्ते मॉडल यानी करीब 5 हजार रुपए वाली साइकिल को अपने के लिए बेहद काम की चीज बना दिया। साइकिल के बाद अब रेलवे ट्रैक की पेट्रोलिंग करना आसान हो गया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन-बिलासपुर अब इस साइकिल का इस्तेमाल करने लगा है। बता दें कि बिलासपुर में 13 हजार ट्रैकमेंटेनर हैं। प्रत्येक करीब 5 किमी पैदल चलकर रेलवे ट्रैक की निगरानी करता है। इस साइकिल के जरिये अब वे 15 किमी तक बिना थके पेट्रोलिंग कर सकते हैं। इस जुगाड़ वाली साइकिल का नार्थ वेस्टर्न रेलवे-अजमेर पहले ही सफल प्रयोग कर चुका है। इस साइकिल का वजन महज 20 किलो है। वहीं इसकी गति 10 किमी/प्रति घंटा है।

आगे पढ़िए बच्चे ने बनाई..अनूठी बाइक...

88
Asianet Image

देसी जुगाड़ का यह मामला मध्य प्रदेश के नरसिंहगढ़ जिले के आमला गांव का है। यहां 9वीं क्लास के बच्चे ने लॉकडाउन में अपनी क्रियेटिविटी का सदुपयोग किया और साइकिल में ही इंजन लगाकर उसे बाइक में बदल दिया।यह है अक्षय राजपूत। इन्होंने कबाड़ी से पुरानी चैम्प गाड़ी का इंजन खरीदा। इसके बाद कुछ दिनों की मेहनत से उसे साइकिल में फिट करके बाइक का रूप दे दिया।

Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories