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ताबूत में रखे पति के शव को एकटक देखती रही पत्नी, बेटे बहू की शादी की तस्वीर देख रो रहे माता पिता
रायपुर (छत्तीसगढ़). सोचो अगर किसी महिला का सुहाग शादी के एक साल के भीतर ही उजड़ जाए तो उसके दिल पर क्या बीतेगी। ऐसा ही दुखद घटना घटी है यूपी की रहने वाली नंदनी के साथ, जो अपनी शादी की पहली सालगिरह से पहले विधावा हो गई। दरअसल, सोमवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिल में सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों से मुठभेड़ में तीन CRPF जवान शहीद हुए थे। इनमें से एक नाम था विकास कुमार जो नंदनी के पति था। जैसे जवान का शव घर पहुंचा तो पत्नी दहाड़े मारकर रो रही थी। वहीं गांवावाले उन दोनों की शादी की तस्वीरें देख आंसू बहा रहे थे, सभी का यही कह रहे थे कि इस जोड़े को किसकी नजर लग गई।
| Updated : Feb 12 2020, 03:55 PM
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विकास कुमार (30) सीआरपीएफ की कोबरा कंपनी में तैनात थे। वह छत्तीसगढ में नक्सल प्रभावित इलाके में सोमवार रात सर्च ऑपरेशन कर रहे थे तभी जंगल में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने हमला कर दिया। पत्नी बार-बार रोते हुए यह कह रही है कि सुबह आपने फोन पर बात की थी और दोपहर में वह ऐसे-कैसे शहीद हो गए।
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अंतिम यात्रा में विकास कुमार अमर रहे के नारे गूंज रहे थे। इस दौरान शहीद की मां ने कहा कि परिवार को गर्व है कि उनका बेटा वीरगति को प्राप्त हुआ है
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जानकारी के मुताबिक, शहीद विकास की शादी 23 फरवरी 2018 को नंदनी के साथ हुई थी। कुछ दिनों बाद उनकी शादी की पहली सालगिरह थी। जिसको लेकर दोनों पत्नी बेहद खुश थे और उन्होंने इसके मनाने के लिए कई सपने देखे थे। लेकिन सब कुछ खत्म हो गया।
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विकास तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। अब उसके अलावा घर में कोई पैसा कमाने वाला भी नहीं है। पिता रतींद्र शरण की साल 2006 में बीमारी की वजह से मौत हो गई। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वहो बार-बार यही कह रही है कि अब हमारा क्या होगा।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांदा के विकास के शहीद होने पर शोक जताया है। उनके ऑफिशयल ट्वीटर अकाउंट पर लिखा गया है- मुख्यमंत्री जी ने शहीद श्री विकास कुमार के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है। उन्होंने शहीद के परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की है।
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करीब दो माह पहले विकास छुट्टी पूरी होने पर तैनाती स्थल के लिए चले गए थे और 20 फरवरी तक आने की बात कही थी। विकास के शहीद होने की खबर मिलते ही नंदनी अपलक एक क्षण निहारती रह गई। स्वजनों के समझाने पर वह बिलखकर रोने लगी।