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मरते-मरते बचा, फिर भी बोला-मजा आ गया..मौत से निकलकर भी मुस्कुराता रहा, पढ़िए डरावनी रात की कहानी
बिलासपुर (छत्तीसगढ़). बिलासपुर जिले के खूंटाघाट वेस्टवियर उफनती नदी के बीच 14 घंटे से फंसे 43 वर्षीय जितेंद्र कश्यप को सोमवार को बचा लिया गया। इंडियन एयर फोर्स के जवानों ने उसको रस्सी के सहारे ऊपर खींचकर रेस्क्यू किया। उसको उम्मीद भी नहीं थी कि वह जिंदा बच जाएगा। फिलहाल वो रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती है। मीडिया से बातचीत के दौरान उसने कहा-हेलिकॉप्टर में बैठकर मुझे बहुत अच्छा लगा, सचमुच आज तो मजा आ गया।
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गिधौरी गांव के रहने वाले जितेंद्र को उम्मीद नहीं थी कि वह अगली सुबह तक जिंदा बच पाएगा और उसकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर के चैनलों में होगी। दरअसल, रविवार शाम से वह पानी की तेज लहरों के बीच फंसा था, उसने पेड़ की एक डाली के सहारे पूरी रात गुजारी। जिला प्रशासन भी उसके लिए रातभर मौके पर मौजूद रहा था।
सोमवार सुबह निकलने के बाद शाम को जब दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने बात की तो उसने नदी में कूदने की वजह भी बताई। कहने लगा मेरा पत्नी से विवाद हो गया था, क्योंकि मैं अक्सर बीमार रहता हूं और जिसके चलते पिछले 5 सालों से कोई काम नहीं करता हूं। पत्नी ही मुझको मजदूरी करके पालती है। रविवार जब मैंने उससे अपने खर्च के लिए रुपए मांगे तो उसने देने से मना कर दिया। जिसके चलते हम दोनों में झगड़ा हो गया और मैं गुस्से में मरने के लिए नदी में कूद गया था।
युवक ने बताया कि जब मैं कूदा तो पानी के तेज बहाव में बहकर एक पत्थर पर जाकर टिक गया। पानी के बीच ही उसी झाड़ी को जोर से पकड़कर सारी रात बैठा रहा। जब पानी के तेज लहरें आती तो डर लगने लगता, तब अहसास हुआ कि गुस्से में उठाया हुआ कदम हमेशा दुखद होता है।
युवक ने बाताया मैं गुस्से में कूद तो गया, लेकिन जब चारों तरफ पानी ही पानी देखा तो डर गया। मैंने शोर मचाया तो आसपास के लोगों की भीड़ लग गई और उन्होंने पुलिस को सूचित कर मौके पर बुलाया। वायुसेना के जवानों ने मेरी जान बचाई मैं उन्हें कभी नहीं भूल सकता।
यह तस्वीर कल सोमवार सुबह की है, जब वायुसेना के जवानों ने युवक को हेलिकॉप्टर के जरिए इस तरह उफनदी नदी में से निकाला था।