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महज 5 रुपए के लिए कभी पत्थर तोड़ने का काम करते थे खली, स्कूल में बच्चे इसलिए उड़ाते थे मजाक
मुंबई. अगर आप WWE देखने के शौकीन हैं तो आपको किसी रेसलर को रिंग में देखकर सबसे ज्यादा खुशी होती होगी तो वो है 'द ग्रेट खली'। खली आज 48 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 27 अगस्त, 1972 को हिमाचल प्रदेश में हुआ था। उनका असली नाम दिलीप सिंह राणा है। रेसलिंग की दुनिया में 7 फीट एक इंच लंबे इकलौते भारतीय वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन द ग्रेट खली भारत की शान हैं। बता दें कि आज वह जिस मुकाम पर हैं वहां पहुंचना उनके लिए इतना आसान नहीं था। खली ने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया है। वैसे आपको बता दें कि खली बॉलीवुड फिल्मों के अलावा टीवी शोज और हॉलीवुड मूवीज में नजर आ चुके हैं।
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हिमाचल प्रदेश के एक गांव के रहने वाले दिलीप सिंह राणा बचपन से ही लंबे-चौड़े थे, जो एक्रोमेगली नाम की बीमारी का नतीजा है। बहुत कम लोग जानते होंगे कि खली का बचपन इतनी गरीबी में बिता है कि उन्हें पढ़ाई छोड़ पत्थर तोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था।
गरीब परिवार में जन्मे दिलीप के छह भाई-बहन थे और उनको मजदूरी करके घर में पैसा भी देना पड़ता था। अब 18 नंबर वाले ब्रांडेड कंपनी के जूते पहनने वाले खली जब दिलीप थे तब नंगे पैर 15 किलोमीटर पहाड़ का सफर करके मजदूरी करने जाते थे।
खली ने ऐसा भी दौर देखा है जब उनके गरीब माता पिता ढाई रुपए फीस नहीं भर सके थे, जिसकी वजह से उन्हें स्कूल से बाहर कर दिया गया। उन्हें 8 साल की उम्र में पांच रुपए रोजाना कमाने के लिए गांव में माली की नौकरी करनी पड़ी थी। अपने कद के कारण वह लोगों के मजाक का पात्र भी बने।
स्कूल में उन्होंने काफी कठिन समय देखा। दोस्त उन पर हंसते थे। उन्हें 1979 में गर्मियों के मौसम में स्कूल से निकाल दिया गया, क्योंकि बारिश नहीं होने से फसल सूख गई थी और उनके परिवार के पास फीस भरने के पैसे नहीं थे।
उस दिन क्लास टीचर ने पूरी क्लास के सामने उन्हें अपमानित किया। सभी छात्रों ने उनका मजाक बनाया।
यह मजाक उनके दिल में घर कर गया। इसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि वह कभी स्कूल नहीं जाएंगे और एक दिन बड़ा आदमी बनकर दिखाएंगे।
पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अफसर एमएस भुल्लर ने खली को एक बस स्टैंड पर मजदूरी करते देखा और उन्हें फोर्स में भर्ती होने के लिए कहा। इसके बाद से खली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पुलिस फोर्स में रहते बॉडी बिल्डिंग शुरू कर दी।
खली के पास अमेरिका जाकर ट्रेनिंग करने के पैसे नहीं थे और दूसरों ने प्रायोजन से भी इनकार कर दिया। आखिरकार उन्होंने अपनी 40,000 रुपए की जमा-पूंजी जुटाई और सैन फ्रैंसिस्को शहर पहुंच गए। वहां भी काफी मुश्किलें झेलीं।
शुरू में जापान और मैक्सिको में जाकर कुश्ती लड़ी, जहां वे जायंट सिंह नाम से मशहूर हुए। अमेरिका वापस पहुंचने पर खली को हॉलीवुड फिल्मों में पहलवान के किरदार मिलने लगे। उसके तुरंत बाद डब्लूडब्लूई से कॉन्ट्रैक्ट हुआ। यहां से उनके दिन बदल गए।
डबल्यूडब्ल्यूई में उन्हें हर वर्ष दस लाख डॉलर से ज्यादा मिलते रहे और बाद में उन्होंने ह्यूस्टन शहर में एक बड़ा घर और दुकान भी खरीद ली, हालांकि उन्होंने भारत में भी प्रो-रेस्लिंग को लोकप्रिय बनाने की दिशा में काफी काम किया है।
खली बिग बॉस 4 का हिस्सा भी रह चुके हैं। वे इस शो के रनरअप थे। नॉनवेज उन्हें पसंद नहीं, वे विशुद्ध शाकाहारी हैं। शराब भी नहीं छूते। उनका नाम हिंदू देवी काली के नाम पर पड़ा, जो आंतरिक शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं।
उनका पसंदीदा मूव खली बंब है, जिसमें वो दोनों हथेलियों को एक साथ कर विपक्षी पर जोरदार प्रहार करते हैं। वे 2007-2008 में वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन रह चुके हैं। उन्होंने जान सीना, अंटरटेकर, ट्रिपल एच को हराया था। वे काफी आध्यात्मिक हैं और आध्यात्मिक गुरु आशुतोष महाराज के शिष्य भी हैं।