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बेटा करेगा सुसाइड, कबीर बेदी सब कुछ जानते हुए भी नहीं रोक पाए अनहोनी, आज भी करते हैं मलाल
एंटरटेनमेंट डेस्क । कबीर बेदी (Kabir Bedi) आज अपनी बर्थडे सेलीब्रेट कर रहे हैं। उनका जन्म 16 जनवरी 1946 लाहौर, पाकिस्तान में हुआ था । कबीर बेदी डैशिंग पर्सनाल्टी और दमदार आवाज़ के चलते बहुत आसानी से बॉलीवुड इंडस्ट्री का हिस्सा बन गए । वहीं उनकी पर्सनल लाइफ हमेशा से विवादों में रही है। कबीर बेदी ने अपनी बायोग्राफी स्टोरीज आई मस्ट टेल: द इमोशनल लाइफ ऑफ द एक्टर में कई बड़े खुलासे किए थे। उन्होंने इसमें बताया था कि वो इस बात को जानते थे कि उनका बेटा सिध्दार्थ सुसाइड करने वाला है, लेकिन वे उसे बचा नहीं पाए थे। देखें कितने मजबूर हो गए थे कबीर बेदी...
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कबीर बेदी को सबसे बड़ा दुख ये है कि वे अपने बेटे को सुसाइड करने रोक नहीं पाए, जबकि वो ये बात जानते थे कि वह सुसाइड कर सकता है। दरअसल सिद्धार्थ बेदी महज़ 25 साल की उम्र में सीजोफ्रेनिया से जूझ रहे थे, वो रह रहकर सुसाइड के बारे में सोचते थे।
भारत में लॉकडाउन के दौरान कबीर बेदी ने अपनी बायोग्राफी में स्टोरीज आई मस्ट टेल: द इमोशनल लाइफ ऑफ द एक्टर में उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ की डिटेल शेयर की है। इस किताब के विमोचन में सलमान खान भी शामिल हुए थे ।
कबीर बेदी इस बुक में अपने बेटे सिद्धार्थ को लेकर बताया कि वह बहुत टेलेंटिड लड़का था । उसमें कई विलक्षण योग्यताएं थीं, अचानक उसके सोच थम गई थी । उसे एनकरेज करने की हमने बहुत कोशिश की, लेकिन उसे हम समझ ही नहीं पा रहे थे।
कबीर बेदी ने इस किताब में बताया कि, एक बार सिध्दार्थ ने कनाडा के मॉट्रियल में हिंसक व्यवहार किया था। उसे बमुश्किल पुलिसवालों ने कंट्रोल किया था । जब डॉक्टर्स ने उसका चेकअप किया तो पता चला कि सिद्धार्थ बेदी सीजोफ्रेनिया (Schizophrenia) के शिकार हो चुके हैं।
कबीर बेदी के मुताबिक सिध्दार्थ अपनी इस बीमारी के बारे में जानता था। एक बार तो उसने अपने मुंह से कहा था कि वह सुसाइड करना चाहता है। इसके बाद कबीर बेदी ने उसे डिफ्रेशन से निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो सके।
कबीर बेदी ने ये भी बताया था कि एक बार जब उन्होंने उसका सोशल मीडिया अकाउंट देखा तो उसने एक मेल में अपने फ्रेंडस को फेयरवेल देने के लिए इन्वाइट किया था । इसके कुछ दिन बाद उसने खुदकुशी कर ली थी।
बेटे की मौत के बाद प्रोतिमा बेदी आध्यात्म की ओर मुड़ गईं, वहीं एक धार्मिक यात्रा के दौरान एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई। वहीं कबीर बेदी आज भी बेटे को याद करके गमगीन हो जाते हैं।
1971 में आई फिल्म 'हलचल' मूवी से कबीर बेदी ने बॉलीवुड में अपनी पारी शुरु की थी। उन्होंने 'कुर्बान', 'दिल आशना है', 'यलगार', 'नागिन', 'डाकू', 'अशांति', 'खून भरी मांग', 'पुलिस पब्लिक',' जैसी दर्जनों फिल्मों में काम किया है।
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