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अपने कफन तक के पैसे भी एडवांस में देकर गई सरोज खान, बेटी ने बताया कितनी खुद्दार और मेहनती थी मां
मुंबई. भारत में भी कोरोना को लेकर दहशत कम नहीं है। कई लोग अभी भी इस वायरस की चपेट में है। वैसे, देश में लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हैं लॉकडाउन हटा दिया गया है और अनलॉक 2 में भी लोगों को और ज्यादा सुविधाएं दी जा रही है। हालांकि, आमजनों की तरह ही बॉलीवुड सेलेब्स भी जरूरत के हिसाब से ही घर से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में सेलेब्स से जुड़े कई किस्से-कहानियों, फोटोज और वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसी बीच इंडस्ट्री की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान की बेटी सुकैना ने मां से जुड़ी कुछ यादें शेयर की है। बता कि कि 3 जुलाई को सरोज का हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया था। वहीं, कुछ दिनों पहले उन्हें कोरोना भी हुआ था।
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सरोज खान का शुरुआती जीवन काफी संघर्षभरा रहा। उन्हें फेम मिला तो इसके लिए उन्होंने खूब मेहनत की। उनकी सबसे छोटी बेटी सुकैना नागपाल ने एक इंटरव्यू में उनसे जुड़ी कई यादें शेयर की।
सुकैना ने बताया कि उनकी मां बहुत खुद्दार थी। उन्होंने कभी किसी का एक पैसा भी खुद पर बाकी नहीं रखा। यहां तक कि उनका अंतिम संस्कार भी उनके पैसों से हुआ।
सुकैना ने बताया- मां के अंतिम संस्कार के बाद कब्रिस्तान में पैसे देने का वक्त आया। जल्दबाजी में मैं और मेरे पति पैसे रखना भूल गए थे। गाड़ी और ड्राइवर भी पास में नहीं थे। तभी अचानक मैंने पर्स चेक किया तो उसमें 3 हजार रुपए निकले। इत्तेफाक से ये रुपए मां के ही थे। उन्होंने लॉकडाउन से पहले ये पैसे किसी काम से दिए थे। वह इतनी खुद्दार थीं कि कफन के पैसे भी खुद देकर गईं।
सुकैना ने एक किस्सा शेयर करते हुए बताया- मां जब भी उनके घर आती थीं तो फ्रूट्स वगैरह लेकर आती थीं। एक बार वह खुद फ्रूट्स लेने गईं। फलवाला कीमत बहुत ज्यादा लगा रहा था। मैंने ड्राइवर से पूछा कि मां यहीं से फल लेती थीं? इस पर उसने जवाब दिया, हां और कभी पैसे कम नहीं करवाती थीं।
सुकैना ने जब मां से कहा कि फलवाला तो ज्यादा पैसे लेता है। इस पर उन्होंने जवाब दिया, वह गरीब है। गरीब आदमी से कभी पैसे कम नहीं करवाने चाहिए, उसे भी परिवार चलाना है। वह मुझे नहीं लूटेगा तो किसे लूटेगा।
सुकैना ने मां की बीमारी के बारे में बताया- मां को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी तो लगा कि कोविड हो गया है। वह हम सबसे दूरी बनाना चाहती थीं कि उनकी वजह से किसी को कोरोना न हो जाए। उनकी कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। वह वेंटिलेटर पर नहीं थीं बस ऑक्सीजन दी जा रही थी।
71 साल की उम्र में सरोज दुनिया को अलविदा कह गईं। उन्होंने अपने करियर में 2000 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया। अपने डांस के साथ-साथ पर्सनल लाइफ को लेकर भी वे काफी चर्चा में रही थी। उनकी लाइफ काफी विवादित रही है। उन्होंने 13 साल की उम्र में इस्लाम धर्म को कबूल कर लिया था।
कम ही लोगों को पता है कि सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल है। विभाजन के बाद सरोज का परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था। उन्होंने महज 3 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था।
सरोज की मुख्य फिल्मों में 'मिस्टर इंडिया', 'नगीना', 'चांदनी', 'तेजाब', 'थानेदार' और 'बेटा' है। उन्होंने अपने पहले मास्टर बी. सोहनलाल से शादी की थी। दोनों की उम्र में 30 साल का अंतर था। शादी के वक्त सरोज की उम्र 13 साल थी। इस्लाम धर्म कबूल कर उन्होंने 43 साल के बी. सोहनलाल से शादी की। सोहनलाल की ये दूसरी शादी थी।