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मौत से पहले पाकिस्तान जाना चाहते थे ऋषि कपूर, 3 साल पहले इस वजह से जताई थी ये ख्वाहिश
मुंबई। ऋषि कपूर का 30 अप्रैल को 67 साल की उम्र में निधन हो गया। ऋषि कपूर को लेकर सोशल मीडिया पर एक ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसके मुताबिक वो मरने से पहले एक बार पाकिस्तान जाना चाहते थे और उनकी ख्वाहिश अपनी जड़ों को देखना की थी। दरअसल, ऋषि कपूर का तीन साल पुराना एक ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान जाने की ख्वाहिश जताई थी। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था, "मैं 65 साल का हो गया हूं और मरने से पहले पाकिस्तान को देखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे भी अपनी जड़ों को देखें। बस करवा दीजिए. जय माता दी।"
Farooq Abdhulla ji, Salaam! Totally agree with you,sir. J&K is ours, and PoK is theirs. This is the only way we can solve our problem. Accept it, I am 65 years old and I want to see Pakistan before I die. I want my children to see their roots. Bas karva Dijiye. Jai Mata Di !
— Rishi Kapoor (@chintskap) November 11, 2017
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बता दें कि ऋषि कपूर का पुश्तैनी घर पेशावर में है, जो 1918 में बना था। ये घर पृथ्वीराज कपूर के पिता बशेश्वरनाथ कपूर ने बनवाया था। बशेश्वरनाथ उस दौर में एक दीवान थे। इसे 'कपूर हवेली' के नाम से जाना जाता है।
'कपूर हवेली' पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में स्थित है। इस हवेली में ही ऋषि कपूर के पिता और एक्टर राज कपूर का जन्म हुआ था। यह हवेली चारों ओर दुकानों से घिरी हुई है।
कहा जाता है कि यह हवेली 5 मंजिला थी। भूकंप आने के कारण इसमें दरारें पड़ गईं और इसकी ऊपरी तीन मंजिलों को ढहा दिया गया। इसमें 40-50 कमरे थे। इसका निर्माण 1918 से 1922 के बीच करवाया गया था।
1990 में ऋषि कपूर एक बार अपने अंकल शशि कपूर और पिता राजकपूर के साथ पेशावर स्थित कपूर हवेली गए थे। वापस आते वक्त वह हवेली के आंगन से मिट्टी उठाकर लाए थे, ताकि अपनी विरासत को सहेजकर रख सकें। ऐसा उन्होंने एक इंटरव्यू में भी बताया था।
सही तरीके से देखरेख न होने की वजह से 'कपूर हवेली' जर्जर हो गई थी। इसलिए 2018 में इसे म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया। इसके लिए खुद ऋषि कपूर ने ही पाकिस्तान सरकार से अपील की थी। ऋषि कपूर ने ट्वीट कर पाकिस्तान सरकार से अपील की थी कि उनके पुश्तैनी घर को एक म्यूजियम में बदल दिया जाए।
'कपूर हवेली' को म्यूजियम में बदलने की जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दी थी। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें ऋषि कपूर का फोन आया था और उन्होंने पेशावर स्थित अपनी पुश्तैनी हवेली को म्यूजियम में बदलने की अपील की है। उनकी मांग को मान लिया गया है।
बंटवारे के समय 1947 में कपूर परिवार भारत आ गया। उस वक्त ये हवेली आलीशान निर्माणों में से एक थी। हालांकि, बाद में धीरे-धीरे रखरखाव की कमी का असर हवेली पर दिखने लगा और उसकी दीवारें जर्जर हो गई।
बता दें कि करीब दो साल से ल्यूकेमिया (रक्त का कैंसर) से जंग लड़ रहे ऋषि कपूर को तबीयत बिगड़ने के बाद बुधवार को एचएन रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां गुरुवार सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली।