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- 4 साल की उम्र में मां को खोने वाले इस सुपरस्टार ने घर चलाने की कंडक्टर की नौकरी, कुली का भी किया काम
4 साल की उम्र में मां को खोने वाले इस सुपरस्टार ने घर चलाने की कंडक्टर की नौकरी, कुली का भी किया काम
मुंबई. साउथ के साथ ही बॉलीवुड फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikant) को फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा अवॉर्ड दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड (Dada Saheb Phalke Award) मिलेगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने बताया है कि रजनीकांत को 51वां दादा साहब फाल्के अवॉर्ड 3 मई को दिया जाएगा। 12 दिसंबर, 1950 को रजनीकांत का जन्म बेंगलुरु के मराठी परिवार में हुआ था। गरीब परिवार में जन्मे रजनीकांत ने अपनी मेहनत और कड़े संघर्ष की बदौलत टॉलीवुड में ही नहीं बॉलीवुड में भी खूब नाम कमाया। साउथ में तो उनको थलाइवा और भगवान कहा जाता है। उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। वैसे, आपको बता दें कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा।
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जीजाबाई और रामोजी राव के चार बच्चों में शिवाजी सबसे छोटे थे। महज 4 साल की उम्र में ही रजनीकांत ने अपनी मां को खो दिया था। घर की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। इसलिए उन्होंने हर तरह का काम किया। रजनीकांत कुली से लेकर बस कंडक्टर जैसे काम कर चुके हैं। बस में अपने टिकट काटने के अनोखे अंदाज की वजह से वे काफी पॉपुलर हुए।
उनके इसी अंदाज की वजह से उनके दोस्त ने उन्हें फिल्मों में काम करने की सलाह दी। एक्टर बनने का सपना पूरा करने में रजनीकांत के दोस्त राज बहादुर में बहुत मदद की। इन्होंने ही रजनीकांत को मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लेने के लिए के लिए मोटिवेट किया। रजनीकांत के लिए ऐसा कर पाना आसान नहीं था। तब ये और कुछ और दोस्त उनकी मदद के लिए आगे आए, जो उनकी ही तरह बस कंडक्टर थे। एक्टिंग सीखने के दौरान ही उन्होंने तमिल भी सीखी।
रजनीकांत की मुलाकात फिल्म डायरेक्टर के बालचंद्र से हुई। उन्होंने ही रजनीकांत को फिल्म अपूर्वा रागनगाल में मौका दिया। इसमें कमल हासन और श्रीविद्या लीड रोल में थे। हालांकि, इसमें उनका छोटा-सा नेगेटिव रोल था। इसके बाद इन्हें शुरुआती दो-तीन साल तक ऐसे में ही रोल मिले।
निगेटिव रोल करने के बाद रजनीकांत पहली बार विलेन की इमेज तोड़ते हुए फिल्म भुवन ओरु केल्विकुरी में बतौर हीरो नजर आए थे। मुथुरमम और रजनीकांत की जोड़ी ऑडियंस को खूब पसंद आई और इसके बाद उन्होंने तकरीबन 25 फिल्मों में काम किया।
धीरे-धीरे रजनीकांत की पॉपुलैरिटी बढ़ गई। रजनीकांत के सीन पर्दे पर आने पर दर्शक उन पर सिक्के उछालते थे। कई बार एक साथ कई सिक्के पड़ने पर सिनेमाघर के पर्दे फट गए। बाद में साउथ के सिनेमाघरों में सिक्के ले जाने पर पाबंदी लगाई गई।
रजनीकांत भले ही सुपरस्टार हैं, लेकिन असल जिंदगी में वह काफी सादगी से रहते हैं। हर फिल्म रिलीज होने के बाद वह हिमालय पर मेडिटेशन के लिए चले जाते हैं।
रजनीकांत सुपरस्टार हैं। उनके नाम से ही फिल्म बिक जाती है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि उन्होंने नियम बना रखा है कि अगर फिल्म न चले तो वह पैसा वापस कर देते हैं।
रजनीकांत सबसे ज्यादा फीस लेने वाले स्टार्स में से एक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रजनीकांत ने फिल्म कबाली के लिए 40 से 60 करोड़ रुपए चार्ज किए थे। वहीं 2018 में रिलीज हुई फिल्म 2.0 के लिए भी रजनीकांत ने करीब 80 करोड़ फीस ली थी।
रजनीकांत को 2000 में भारत सरकार ने पद्मभूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। रजनीकांत ने 1975 में फिल्म अपूर्व रागंगल से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने अंधा कानून, इंसाफ कौन करेगा, कबाली, दरबार और शिवाजी द बॉस जैसी कई फिल्मों में काम किया।