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रिक्शा चलाने वाले ने जॉन से जताई एक ख्वाहिश, एक्टर ने दोस्ती की खातिर बना दी 28 करोड़ की फिल्म
मुंबई। जॉन अब्राहम अपने गठीले शरीर के साथ ही सादगी पसंद लाइफस्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं। जॉन हाल ही में अपने पर्सनल ट्रेनर विनोद चन्ना के साथ चैट शो 'नॉट जस्ट सुपरस्टार्स' में पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा खुलासा किया। जॉन ने बताया कि 2011 में आई उनकी फिल्म 'फोर्स' उन्होंने अपने एक दोस्त के कहने पर बनाई थी। जॉन का यह दोस्त रिक्शा ड्राइवर है और उसका नाम 'सुकू' है।
| Updated : Dec 31 2019, 12:57 PM
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चैट शो पर जॉन ने बताया, "मेरा दोस्त सुकू कुमार ऑटो रिक्शा चलाता है। वह मुझे रोज घर से ऑफिस और ऑफिस से घर छोड़ता है। एक बार हम दोनों तमिल फिल्म 'काखा काखा' देखने गए। इसके बाद उसने मुझसे इस फिल्म की हिंदी रीमेक बनाने की ख्वाहिश जताई। मैंने उसकी ख्वाहिश पूरी करने के लिए ही फिल्म 'फोर्स' बना दी।
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बता दें कि जॉन अब्राहम अपनी सिम्पलीसिटी (सादगी पसंद जीवन) के लिए जाने जाते हैं। जॉन के मुताबिक, "मैं अपने आप पर बेहद कम खर्च करता हूं, क्योंकि मुझे यह पसंद नहीं है।" शो के होस्ट गुंजन उतरेजा ने जब जॉन अब्राहम से उनके न्यू ईयर हॉलिडे प्लान के बारे में पूछा तो जॉन बोले- मैंने पिछले डेढ़ साल से सिर्फ 5 दिन हॉलिडे मनाया है।
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'सत्यमेव जयते' की रिलीज पर सुकू के रिक्शे में आए थे जॉन : ऑटो ड्राइवर सुकू कुमार सूरज से जॉन का खास कनेक्शन है। कई सालों से सुकू उनके फेवरेट रिक्शा ड्राइवर और दोस्त हैं। जॉन अक्सर सुकू के साथ शहर भी घूमते हैं।
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कॉलेज के दिनों से है जॉन और सुकू की दोस्ती : दरअसल जॉन और सुकू एक-दूसरे को कॉलेज के दिनों से जानते हैं। बकौल सुकू, "कॉलेज में जॉन मेरे सीनियर थे। मैंने कई बार जॉन को कॉलेज कैंटीन में देखा था लेकिन कभी नहीं सोचा था कि जॉन इतने बड़े स्टार बनेंगे।"
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आज भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चलते हैं जॉन के मम्मी-पापा : 2016 में एक इंटरव्यू में जॉन अब्राहम ने बताया था- ''मैं बेहद सिंपल फैमिली से बिलॉन्ग करता हूं। मैं खुद भी काफी सिंपल हूं। मेरे साथी कलाकार अक्सर मुझसे शिकायत करते हैं कि कई बार तुम किसी फंक्शन या पार्टी में भी शूज नहीं पहनते तो मैं उनसे कहता हूं कि मुझे चप्पल में रहना ज्यादा अच्छा लगता है। मैं अपनी मिडल क्लास वैल्यू जानता हूं और यही मेरा प्लस प्वाइंट भी है। जॉन के मुताबिक, 'मेरे पापा आज भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में आते-जाते हैं और मां ऑटो में चलती हैं।'