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घंटों इंतजार, महीनों तक धक्के खाए, लोगों ने नकारा भी, महज एक फिल्म के लिए ये सब किया गोविंदा ने
मुंबई. दुनियाभर में कई लोग कोरोना वायरस का शिकार हो चुके है और अभी इसका असर कम नहीं हुआ है। रोज कइयों की इसकी वजह से मौत भी हो रही है। भारत में ये महामारी अपने पैर पसारती ही जा रही है। हालांकि, सरकार ने लोगों की जरूरतों और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बावजूद इसके आमजनों की तरह ही बॉलीवुड सेलेब्स भी आवश्यकता के हिसाब से ही घर से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में सेलेब्स से जुड़े कई कहानी-किस्से, फोटोज, वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसी बीच 56 साल के गोविंदा का एक इंटरव्यू सामने आया है, जिसमें उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बात की। ये इंटरव्यू उन्होंने हाल ही में दिया है, जिसमें उन्होंने अपने करियर से जुड़ी कई चौंकाने वाली बातें शेयर की।
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इंटरव्यू में वेटरन एक्टर गोविंदा ने कहा कि उन्हें किसी भी प्रड्यूसर से मिलने के लिए पहले घंटो इंतजार करना पड़ा है और कोई भी उन्हें इंडस्ट्री में नहीं जानता था।
गोविंदा ने कई सालों तक सिल्वर स्क्रीन पर दर्शकों का मनोरंजन किया है। उनकी एक्टिंग के अलावा उनका डांस तो आज भी लोगों को थिरकने पर मजबूर कर देता है। गोविंदा ने बताया है किस तरह से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में संघर्ष के दिन देखे हैं, तब जाकर सफलता मिली है।
गोविंदा ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अपने करियर की शुरुआत के संघर्ष के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी प्रोड्यूसर्स से मिलने के लिए पहले घंटों इंतजार करना पड़ा है और कोई भी उन्हें इंडस्ट्री में नहीं जानता था। इतना ही नहीं कई लोगों ने उन्हें यह भी कहा कि वह इस इंडस्ट्री में अपना करियर नहीं बना पाएंगे।
उन्होंने कहा कि कई एक्टर्स को भी अपने शुरुआती करियर में संघर्ष का सामना करना पड़ा था लेकिन उनका दृष्टिकोण इस इंडस्ट्री में गला-काट कॉम्पिटिशन को लेकर है। यहां कुछ लोग हैं जो बिजनेस को कंट्रोल करते हैं लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि अब समय बदल रहा है।
गोविंदा के मुताबिक, उनकी पहली फिल्म 'तन बदन' (1986) थी। काफी मेहनत के बाद उन्हें इसमें काम करने का मौका मिला था। स्ट्रगलिंग डेज में गोविंदा कई महीनों तक विरार से लोकल ट्रेन में धक्के खाते हुए मुंबई तक पहुंचते थे। इस सफर में गोविंदा के 4-5 घंटे सिर्फ आने-जाने में खराब हो जाते थे। बाद में गोविंदा खार (मुंबई) में अपने मामा के घर आकर रहने लगे और वहीं से काम की तलाश में इधर-उधर भटकते रहते थे।
गोविंदा के मुताबिक- मैंने अपनी एक्टिंग का एक वीडियो कैसेट बनाया। साथ ही रोशन तनेजा एक्टिंग इंस्टिट्यूट ज्वाइन किया। इसके अलावा फाइट क्लास और सरोज खान की डांस क्लास भी शुरू कर दी। एक दिन मैं अपना वीडियो कैसेट लेकर डायरेक्टर इस्माइल श्रॉफ के पास पहुंचा। उन्होंने मुझे देखते ही ये कहते हुए रिजेक्ट कर दिया था कि इसकी न तो हाइट है, न पर्सनैलिटी है और न ही वॉइस। अभी तो अमिताभ बच्चन की तरह हाइट वाले लोग चाहिए।
उन्होंने बताया- बहुत दिनों के बाद मैंने अपना वीडियो कैसेट मामा (आनंद सिंह) को दिखाया, जोकि एक फिल्म शुरू कर रहे थे और उसमें उन्हें मैच्योर हीरो की जरूरत थी। मामा ने जब मेरी कैसेट देखी तो उन्होंने अपने हीरो के साथ फिल्म की पूरी कॉस्टिंग और स्टोरी ही बदल दी और उसमें मुझे ले लिया। इस तरह मुझे अपनी पहली फिल्म 'तन-बदन' मिल गई। हालांकि इससे पहले यह बात सीक्रेट रखी गई थी कि मुझे फिल्म में सिलेक्ट कर लिया गया है।
बेटा, पत्नी और बेटी के साथ गोविंदा।