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World environment day: कार से ज्यादा साइकल को बढ़ावा, पर्यावरण के लिए इन 5 देशों ने किए अनूठे प्रयोग
करियर डेस्क. कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन में लोगों को अपने घरों में रहना पड़ा। इसका सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण में देखने को मिला। वायु प्रदूषण कम होने के साथ नदियों का पानी भी साफ हुआ। विश्व पर्यावरण दिवस (World environment day) के मौके पर हम आपको दुनिया के पांच ऐसे देशों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए कई तरह की मुहिम चलाई है। आइए जानते हैं कौन से हैं वो देश और क्या मुहिम चलाई गई है।
| Published : Jun 05 2021, 01:30 PM IST
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नार्वे
इस देश में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रिक कारों का प्रयोग किया जा रहा है। 2019 में यहां करीब 60 फीसदी कारें इलेक्ट्रिक थी। नार्वे सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक देश में 100 फीसदी कारें इलेक्टिक हों। इसके साथ ही नार्वे में पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है।
डेनमार्क में साइकिल से यात्रा
डेनमार्क में पर्यावरण का बचाने के लिए साइकलिंग पर फोकस किया जा रहा है। गाड़ियों के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है इसे देखते हुए यहां साइकल को बढ़ावा दिया जा रहा है। 2016 के बाद यहां कार की संख्या से साइकिल की संख्या अधिक हो गई है।
अलग कोर्ट
पेरू में पर्यावरण के बचाने के लिए यहां एक अलग ही कोर्ट बनाई गई है। 2018 में पर्यावरण कोर्ट बनाई गई। अवैध खनन, वनों की कटाई, पर्यावरण क्षरण और वन्यजीवों के व्यापार की सुनवाई इस कोर्ट में होती है।
भारत
भारत में पर्यावरण को बचाने के लिए कई तरह के आंदोलन हुए हैं। भारत सरकार ने 1976 में संविधान में संशोधन कर दो महत्त्वपूर्ण अनुच्छेद 48 ए तथा 51 ए (जी) जोड़ें। अनुच्छेद 48 ए राज्य सरकार को निर्देश देता है कि वह ‘पर्यावरण की सुरक्षा और उसमें सुधार सुनिश्चित करे, तथा देश के वनों तथा वन्यजीवन की रक्षा करे।
ग्लोबल वार्मिंग को लेकर दुनिया के कई देश एकजुट
ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को लेकर दुनिया के कई देश एकजुट है औऱ इस दिशा में काम कर रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग का मतलब वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों की बढ़ती सांद्रता के कारण पृथ्वी की सतह का तापमान बढ़ जाना है जबकि जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ने लगा है।