- Home
- Career
- Education
- 'ये सिर्फ मर्दो की जगह है'...ताना सुन जिद्दी लड़की बनी थी फायर फाइटर, आज हजारों की है प्रेरणा
'ये सिर्फ मर्दो की जगह है'...ताना सुन जिद्दी लड़की बनी थी फायर फाइटर, आज हजारों की है प्रेरणा
नई दिल्ली. एक फिल्म है हम आपके हैं कौन, जिसमें एक गाना है दीदी तेरा देवर दीवाना। जब इस गाने में सलमान खान की एंट्री होती है तो एक बोल सुनाई देता है हाय राम कुड़ियों का है जमाना। ये बोल उस वक्त प्रासंगिक जरूर लगते होंगे लेकिन आज आधुनिक भारत में महिलाएं नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। अब महिलाएं पुरूषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित करने में पीछे नहीं हैं। आज हम ऐसी ही एक महिला के बारे में बात करने वाले है नाम है तान्या सान्याल जो देश की पहली एयरपोर्ट अथॉरिटी की महिला फायर फाइटर बनी हैं।
| Updated : Apr 10 2020, 06:21 PM
2 Min read
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
Follow Us
18
)
फायर फाइटर की मौजूदगी हवाई जहाज की लैंडिंग के समय किसी भी दुर्घटना के मद्देनजर आवश्यक होती है। तान्या दिल्ली में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद आज एयरपोर्ट पर फायरफाइटर की भूमिका में कार्य कर रही हैं।
28
एयरपोर्ट अथॉरिटी के सभी कठिन मापदंडों पर खरा उतरने के बाद तान्या को देश की पहली महिला फायर फाइटर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
38
नए एयरपोर्ट बनने की कड़ी में फायर फाइटर्स की कमी एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा महसूस की जा रही थी। जिसके चलते शारीरिक मापदंडों में फेरबदल करके महिलाओं को भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका दिया गया।
48
फायर फाइटर बनने के लिए पुरुषों के लिए कम से कम कद 1.6 मीटर और 50 किलोग्राम वजन होना जरूरी है।
58
वहीं महिलाओं के लिए यह मापदंड कम किए गए हैं। हालांकि कार्यप्रणाली पुरुष और महिलाओं के लिए एक जैसी ही निर्धारित की गई है।
68
कोलकाता की रहने वाली तान्या को क्षेत्रीय एयरपोर्ट, कोलकाता, पटना, भुवनेश्वर, रायपुर, गया और रांची में से कहीं पर भी कार्य करने के लिए अधिकृत किया गया है।
78
तान्या कहती हैं कि उनके लिए देश की पहली एयरपोर्ट अथॉरिटी महिला फायर फाइटर बनना अत्यंत गौरव का विषय है। मैं इसके लिए अपने परिवार की भी शुक्रगुजार हूं जिन्होंने हमेशा मेरी सपोर्ट की है।
88
तान्या को अपने ट्रेंनिंग के दौरान काफी ताने भी सुनने पड़ते थे। लोग कहते थे कि लड़की का यह काम नहीं है लेकिन तान्या ने पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर यह दिखा दिया कि काम कोई भी हो लड़कियां किसी से भी कम नहीं है।