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पिता का सपना पूरा करने 15 लाख की नौकरी छोड़ बना IPS...लॉकडाउन में 24 घंटे तैनात रह कर रहा देशसेवा
पटना. कोरोना आपदा में देश सेवा के लिए 24 घंटे तैनात रहने वाली पुलिस सर्विस भी चर्चा में है। लॉकडाउन का पालन करवाने और लोगों की मदद करने के लिए खाकी वर्दी में हमारे सिपाही लगातार जुटे हैं। ऐसे में एक आईपीएस अफसर ने एक कविता लिखकर खाकी का दर्द बयां किया है। उनकी ये कविता सोशल मीडिया पर छाई हुई है। कविता के साथ ही ये पुलिस अफसर भी सुर्खियों में छा गए हैं। हम बात कर रहे हैं युवा आईपीएस अफसर सुकीर्ति माधव मिश्र की। जो
इन दिनों पुलिस महकमे में अपने कविता लेखन के इस अलग हुनर से पहचान पा चुके हैं। देश के कई आईपीएस सोशल मीडिया में उनका सपोर्ट कर रहे हैं।
आईपीएस सक्सेज स्टोरी (IAS Success Story) में हम आज आपको सुकीर्ति माधव के अफसर बनने की कहानी सुनाएंगे। कैसे 15 लाख की नौकरी छोड़ उन्होंने पुलिस सेवा में जाना चुना।
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पूरे देश में लॉकडाउन का माहौल है तो सुकीर्ति की कविता काफी शेयर की जा रही है। उनके शब्द लोगों की ताकत बन चुके हैं। मूल रूप से बिहार के जमुई जिले के मलयपुर गांव के रहने वाले सुकीर्ति ने सरकारी स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की है। घर में लोग उन्हें चंदन कहकर बुलाते हैं। उनके पिता कृष्ण कांत मिश्र जूनियर हाईस्कूल में टीचर और मां कविता मिश्र हाउसवाइफ हैं।
सुकीर्ति ने अपने एक इंटरव्यू में बताया, जब तक मैं नौकरी कर रहा था, मेरे जेहन में सिविल सर्विसेज को लेकर कोई ख्वाहिश नहीं थी। कोल इंडिया में मैनेजर पद पर काम करते हुए मुझे संतोष था। जब पिता ने कहा कि उनका सपना है कि समाज की सेवा के लिए आईपीएस अफसर बनूं तब मैंने इस बारे में सोचा।
जब नौकरी के करीब 2 साल हो चुके थे तो पहले तो उन्होंने सिविल सर्विसेस के बारे में जानना शुरू किया और फिर नौकरी करते-करते ही तैयारी शुरू कर दी। दो साल की कड़ी तैयारी के बाद वर्ष 2014 में सुकीर्ति ने सिविल सर्विसेज का पहला एग्जाम दिया और पहले ही अटेंप्ट में उनका सेलेक्शन हो गया।
लेकिन तब उन्हें आईआरएस कैडर मिला था, जिसे छोड़कर उन्होंने फिर तैयारी की और दूसरे अटेंप्ट साल 2015-16 में आईपीएस कैडर मिल गया।
पुलिस में आने का सपना देखने वाले सुकीर्ति ने 15 लाख रुपये सालाना की नौकरी छोड़ पुलिस सेवा को अपनाया। उन्होंने पिता के सपने को पूरा करने के लिए सिविल सर्विस परीक्षा पास की थी।
वर्तमान में वाराणसी में एसपी सुरक्षा की ड्यूटी पर तैनात आईपीएस सुकीर्ति माधव ने अपने कविता लेखन के हुनर से देशभर में खाकी वर्दी वालों को इमोशनल कर दिया है। उनकी लिखी कविता 'मैं खाकी हूं' पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बन गई है। ट्विवटर पर अब तक कई आईपीएस अफसर इसे शेयर कर चुके हैं। साथ ही आम लोगों की बीच यह कविता काफी पॉपुलर हो चुकी है।
ट्विटर पर अपनी कविता के बारे में सुकीर्ति ने लिखा कि मेरी ये कविता हर उस व्यक्ति को समर्पित है जो ऐसे कठिन समय में देश के लिए कुछ कर पा रहा है।
जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारी इम्तियाज हुसैन ने ये कविता अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की तो साढ़े सात हजार से ज्यादा लोगों ने इसे लाइक किया। उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस कमिश्नर विश्वास नांगरे पाटिल की आवाज में इस कविता को शेयर किया है।
बता दें कि सुकीर्ति माधव ने मेरठ में अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान यह कविता लिखी थी लेकिन लॉकडाउन में उनकी ये कविता काफी पसंद की जा रही है। खासकर पुलिस महकमे में इसे खूब शेयर किया जा रहा है।