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जहां पिता करते थे मजदूरी का काम, उसी जिले में IPS अफसर बनकर पहुंची बेटी, सब ने किया सैल्यूट
करियर डेस्क. फरवरी और मार्च में CBSE बोर्ड के साथ अन्य बोर्ड के एग्जाम भी स्टार्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही बैंक, रेलवे, इंजीनियरिंग, IAS-IPS के साथ राज्य स्तरीय नौकरियों के लिए अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स प्रोसेस, एग्जाम, पेपर का पैटर्न, तैयारी के सही टिप्स को लेकर कन्फ्यूज रहते है। यह भी देखा जाता है कि रिजल्ट को लेकर बहुत सारे छात्र-छात्राएं निराशा और हताशा की तरफ बढ़ जाते हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए एशिया नेट न्यूज हिंदी ''कर EXAM फतह...'' सीरीज चला रहा है। इसमें हम अलग-अलग सब्जेक्ट के एक्सपर्ट, IAS-IPS के साथ अन्य बड़े स्तर पर बैठे ऑफीसर्स की सक्सेज स्टोरीज, डॉक्टर्स के बेहतरीन टिप्स बताएंगे। इस कड़ी में आज हम आपको 2009 बैच की तेजतर्रार IPS अफसर संगीता कालिया की कहानी बताने जा रहे हैं।
| Updated : Feb 19 2020, 04:45 PM
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संगीता कालिया हरियाणा के भिवानी जिले की रहने वाली हैं। उनका जन्म एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता धर्मपाल पुलिस विभाग में कारपेंटर थे। संगीता बचपन से पढ़ने में काफी तेज थीं।
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संगीता के पिता फतेहाबाद पुलिस में कारपेंटर थे। वह 2010 में वहां से रिटायर हुए।संगीता की पढ़ाई भिवानी से ही हुई। संगीता के पिता धर्मपाल भले ही कारपेंटर थे लेकिन वह बेटी को पढ़ाकर अफसर बनाना चाहते थे। बेटी ने भी पिता के सपनो को साकार किया।
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संगीता ने पढ़ाई पूरी करने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गई। उन्होंने पहली परीक्षा 2005 में दिया। उसमे वह सिलेक्ट नहीं हो पाई। उसके बाद उन्हें रेलवे में नौकरी मिली। लेकिन उनका सपना सिर्फ सिविल सर्विस एग्जाम क्रैक करने का था। इस तरह उन्होंने एक-एक करके 6 नौकरियां छोड़ दीं।
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साल 2009 में संगीता ने फिर से UPSC का एग्जाम दिया। इस बार वह सफल रही। उन्हें हरियाणा में IPS कैडर मिला। संयोग ऐसा रहा ट्रेनिंग के बाद उन्हें उसी जिले का SP बनाया गया जहां कभी उनके पिता कारपेंटर हुआ करते थे।
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संगीता का शुमार बेहद ईमानदार व तेजतर्रार IPS अफसरों में होता है। वह हमेशा जुर्म के खिलाफ सख्ती से पेश आती हैं। संगीता के मातहत बताते हैं कि वह 15- 15 घंटे तक काम करती हैं। ऑफिस में काम ज्यादा है तो उन्हें टाइम से कोई मतलब नहीं वह पूरा काम निबटा कर ही जाती हैं।
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संगीता एक बार मीडिया की सुर्खियां बनी थी जब उनकी पोस्टिंग फतेहाबाद SP के रूप में थी। उस समय तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से उनकी तीखी बहस हो गई थी। एक शिकायत की सुनवाई के दौरान मंत्री अनिल विज ने SP संगीता कालिया को गेट आउट कह दिया था। कालिया बाहर नहीं गई तो विज को खुद बैठक छोड़नी पड़ी थी। बाद में उनका का तबादला कर दिया गया था।