MalayalamEnglishKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathi
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • KEA 2025
  • Home
  • Career
  • Education
  • स्कूल में चपरासी थे पिता, बच्चों को पढ़ाने मां को खोलनी पड़ी दुकान... लाडली बन गई IPS

स्कूल में चपरासी थे पिता, बच्चों को पढ़ाने मां को खोलनी पड़ी दुकान... लाडली बन गई IPS

करियर डेस्क. किसी ने सच ही कहा है अगर जिंदगी में कुछ पाने के लिए पूरी ईमानदारी से कोशिश की जाए तो मंजिल मिल ही जाती है। सफलता के लिए सिर्फ जरूरी है जोश व लगन। व्यक्ति अपनी मेहनत और जोश के दम पर बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। आज कल अक्सर देखा जा रहा है कि कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स अक्सर एक या दो बार असफल होने के बाद नर्वस हो जाते हैं। वह अपना संतुलन खो बैठते हैं उन्हें ये लगने लगता है कि अगर वह सफल न हुए तो जिंदगी में क्या कर सकेंगे। उन्हें आगे का रास्ता नहीं सूझता है। आज हम आपको 2018 बैच की IPS डॉ विशाखा भदाणे की कहानी बताने जा रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 11 2020, 02:51 PM
2 Min read
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
17
Asianet Image
डॉ विशाखा भदाणे नासिक की रहने वाली हैं। उनके पिता अशोक भदाणे नासिक के उमराने गांव में एक छोटे से स्कूल में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। विशाखा दो बहनों व एक भाई में सबसे छोटी हैं।
27
Asianet Image
विशाखा के पिता अशोक चाहते थे कि उनके बच्चे पढ़ लिख कर बड़े आदमी बने। इसलिए वह शुरू से ही उनकी पढ़ाई पर काफी ध्यान देते थे। लेकिन उनकी कमाई इतनी नहीं थी कि घर खर्च के साथ वह बच्चों को अच्छे से सकें।
37
Asianet Image
आमदनी कम होने के कारण विशाखा की मां ने भी स्कूल के बाहर एक छोटी सी दुकान खोल ली। दुकान से होने वाली आमदनी से बच्चों की पढ़ाई में कुछ आर्थिक मदद मिलने लगी थी।
47
Asianet Image
लेकिन इसके बावजूद भी किताबों आदि का काफी अभाव रहता था। पैसे न होने के कारण जब स्कूल की दो महीने की छुट्टियां रहती थी तब तीनों भाई बहन लाइब्रेरी में जाकर किताबें पढ़ते थे। उनकी मेहनत को देखते हुए स्कूल के अध्यापक भी उनका उत्साह बढ़ाते थे।
57
Asianet Image
विशाखा जब 19 साल की थीं तो उस समय उनकी माता का निधन हो गया। घर को संभालने वाला कोई नहीं था। मां के मौत के बाद घर की भी जिम्मेदारी विशाखा पर आ गई। जिसके बाद वह घर के काम करने के बाद पढ़ाई करती थी।
67
Asianet Image
विशाखा और उनके भाई ने गवर्नमेंट आयुर्वेद कालेज में बीएएमएस में एडमीशन के लिए एंट्रेंस दिया था। उसमे दोनों लोगों का सिलेक्शन हो गया। जिसके बाद उनके पिता ने बैंक से लोन लिया जिससे उन्होंने दोनों को पढ़ाया और बड़ी बेटी की शादी की।
77
Asianet Image
पढ़ाई पूरी करने के बाद विशाखा UPSC की तैयारी में जुट गईं। दूसरे प्रयास में साल 2018 में उनका सिलेक्शन UPSC में हो गया। उन्हें IPS रैंक मिली।
Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories