- Home
- Career
- Education
- स्टाइल में किसी एक्टर से कम नहीं यह IAS अफसर, पढ़ाई में कमजोर रहे, बनना चाहते थे 'कबाड़ी', पढ़िए सक्सेस स्टोरी
स्टाइल में किसी एक्टर से कम नहीं यह IAS अफसर, पढ़ाई में कमजोर रहे, बनना चाहते थे 'कबाड़ी', पढ़िए सक्सेस स्टोरी
IAS Success Story : किसी भी काम को इतनी शिद्दत से करो कि सफलता तुम्हारी हो जाए। इस लाइन के एक-एक शब्द को सच कर दिया है उत्तराखंड(Uttarakhand) के मसूरी (Mussoorie) के एक लड़के ने। उसने अपनी मेहनत को उस ऊंचाई तक पहुंचाया कि आज उसकी गिनती देश के तेज-तर्रार IAS ऑफिसर्स में होती है। कभी पढ़ाई-लिखाई में कमजोर रहे दीपक रावत (Deepak Rawat) की आज तगड़ी फैन-फॉलोइंग है। उनकी स्टाइल के खूब चर्चे हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके अच्छे-खासे फॉलोवर्स हैं। यूट्यूब पर उनकी फील्ड विजिटिंग काफी फेमस है तो लोग उनके गाने के भी दीवाने हैं। पढ़िए IAS दीपक रावत की सक्सेस स्टोरी, जो उन्हें सबसे अलग बनाती है...
- FB
- TW
- Linkdin
Follow Us
)
पढ़ाई में कमजोर, बनना चाहते थे 'कबाड़ी'
एक यू-ट्यूब चैनक को दिए इंटरव्यू में IAS दीपक रावत ने बताया कि वह पढ़ाई में काफी कमजोर थे। कई बार उन्हें डांट सुननी पड़ती थी। इसीलिए वह कबाड़ी वाला (स्क्रैप डीलर) बनना चाहते थे। उन्होंने बताया कि जब वे छोटे थे तब टूथपेस्ट के पैकेट, खाली डिब्बे, टूटे-फूटे सामान लेकर घर के बाहर दुकान लगाते थे। जब उनसे घर के लोग पूछते कि बड़े होकर क्या बनोगे तो वे कहते कि मैं कबाड़ी वाला बनना चाहता हूं।
ग्रेजुएशन के दौरान प्यार
दीपक रावत ने अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा करते हुए बताते हैं कि जब वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से इतिहास में ग्रेजुएशन कर रहे थे तब उनकी मुलाकात विजेता सिंह नाम की लड़की से हुई। दोनों की दोस्ती प्यार में बदली और बाद में शादी कर ली। दोनों के दो बच्चे भी हैं, बेटी दिरिशा और बेटे दिव्यांश।
दरवाजे पर लव लेटर छोड़ गई थी एक लड़की
दीपक रावत की पत्नी विजेता सिंह न्यायिक सेवाओं में अधिकारी हैं और दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रह चुकी हैं। दीपक बताते हैं कि ग्रेजुएशन के दौरान एक दिन उन्हें एक लव लेटर मिला, जो किसी ने उनके कमरे के दरवाजे पर रख दिया था। उसमें लिखा था कि तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो। उन्हें लगा दोस्त मजाक कर रहे हैं लेकिन जब दोस्तों ने ऐसा करने से इनकार किया तो उन्होंने पता लगाया और वह लड़की कोई और नहीं बल्कि विजेता ही थी, जो आज उनकी पत्नी हैं।
हरिद्वार में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट हैं दीपक रावत
दीपक का जन्म 1977 में मसूरी में हुआ था। यहीं से उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की। इसके बाद ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली चले गए। दीपक ने हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई शुरू की और साथ ही UPSC की तैयारी भी। पहले दो अटेम्पट में उन्हें असफलता मिली लेकिन वे निराश नहीं हुए और तीसरी बार में सफलता हासिल कर ली।
स्टाइल ऐसी कि कोई भी फैन हो जाए
स्टाइल में दीपक रावत बड़े-बड़े एक्टर को भी मात देते हैं। वह अपनी कार्यशैली को लेकर काफी पॉपुलर हैं। सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। कई बार उन्हें गाना गाते हुए भी सुना गया है। अक्सर फैमिली के साथ फोटो भी शेयर करते हैं। उन्हें 2019 मे राष्ट्रीय पोषण मिशन अभियान में बेहतरीन कार्य करने पर दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उनको स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। जिसे दीपक ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को समर्पित कर दिया।