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दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट रही हैं रुचिरा कंबोज, पिता आर्मी में अफसर, मां संस्कृत प्रोफेसर, ऐसा रहा करियर

करियर डेस्क : 1987 बैच की IFS अफसर रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत की पहली महिला दूत बन गई हैं। उन्होंने टीएस तिरुमूर्ति की जगह एक अगस्त, 2022 से स्थायी रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर कार्यभार संभाल लिया है। रुचिरा सिविल सेवा बैच की टॉपर रही हैं। फ्रांस में थर्ड सेक्रेटरी के तौर पर उनके करियर की शुरुआत हुई थी। फ्रांस के भारतीय दूतावास में सेकेंड सेक्रेटरी का पद भी संभाल चुकी हैं। वह भूटान (Bhutan) में भारत की पहली महिला राजदूत रह चुकी हैं। रुचिरा दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) की स्टूडेंट्स रही हैं। यहां जानिए 1987 बैच की टॉपर रुचिका कंबोज का करियर..

 

Asianet News Hindi | Published : Aug 04 2022, 03:40 PM
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पिता आर्मी में अफसर, मां संस्कृत प्रोफेसर
रुचिरा कंबोज के दिवंगत पिता इंडियन आर्मी में ऑफिसर रैंक पर थे। उनकी मां दिल्ली विश्वविद्यालय में संस्कृत की प्रोफेसर रह चुकी हैं। अब रिटायर हो चुकी हैं। वह एक राइटर भी हैं। रुचिरा की शादी बिजनेसमैन दिवाकर कंबोज के साथ हुई है। उनकी एक बेटी भी है।

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रुचिरा कंबोज की स्कूलिंग
अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज की स्कूलिंग दिल्ली, वडोदरा और जम्मू में हुई है। उन्होंने मसूरी के वाईन बर्ग एलन स्कूल से भी पढ़ाई की है। दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। कंबोज लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी डिग्री हासिल कर चुकी हैं। हिंदी, इंग्लिश के साथ उनकी फ्रेंच लैंग्वेज पर भी अच्छी कमांड है।

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ऑल इंडिया टॉपर थीं रुचिरा कंबोज 
रुचिरा कंबोज ने 1987 बैच में जब यूपीएससी क्वॉलिफाई किया था तब वह ऑल इंडिया महिला टॉपर थीं। उनके राजनयिक करियर की शुरुआत पेरिस से हुई। 1989-1991 तक फ्रांस के भारतीय दूतावास में उन्होंने थर्ड सेक्रेटरी के तौर पर काम किया। इसके बाद वह दिल्ली लौट आईं। यहां 1991-96 तक उन्होंने विदेश मंत्रालय के यूरोप वेस्ट डिवीजन में अपर सेक्रेटरी के रूप में काम किया। 1996-1999 तक मॉरीशस में फर्स्ट सेक्रेटरी और पोर्ट लुइस में भारतीय उच्चायोग में काम किया।
 

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भूटान में भारत की पहली महिला एंबेसडर
रुचिरा भूटान में भारत की पहली महिला एंबेसडर रह चुकी  हैं। वह साउथ अफ्रीका में भारतीय उच्चायुक्त और यूनेस्को में भारत की स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर काम कर चुकी हैं। वह पहले भी संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर सेवाएं दे चुकी हैं। साल 2002 से  2005 तक यूएन में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर के रूप में काम किया था। 
 

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कई राजनीतिक विषयों की जानकार
जब रुचिरा संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में सलाहकार थी, तब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना, मध्य पूर्व संकट जैसे कई राजनीतिक विषयों पर काम किया था। वह ऐसे वक्त बागडोर संभालने जा रही हैं, जब दिसंबर में 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की अस्थायी सदस्यता के दो साल का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। बता दें कि इसी साल दिसंबर में भारत यूएन जैसी पावरफुल बॉडी की अध्यक्षता भी करने जा रहा है। जिसमें रुचिरा कंबोज की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

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