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देश के नए फाइनेंस सेक्रेटरी बने आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने वाले CEO, जानिए कौन है अजय भूषण पांडे?
नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के सचिव अजय भूषण पांडे को वित्त सचिव (Finance Secretary) बनाया गया है। अजय भूषण पांडे वित्त सचिव राजीव कुमार के स्थान पर नियुक्त किए गए हैं। राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हुए थे। बता दें कि वित्त मंत्रालय के सचिवों में जो सबसे वरिष्ठ होते हैं, उन्हें वित्त सचिव मनोनीत किया जाता है। इसके बाद से देशभर में अजय भूष की चर्चा है। हर कोई उनके विषय में जानना चाहता है। आइए जानते हैं देश में पहचान के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने वाली कंपनी (UIDAI) के सीईओ रहे भूषण के बारे में जरूरी बातें......
| Published : Mar 04 2020, 05:26 PM
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अजय भूषण पांडे का जन्म 2 फरवरी 1961 को हुआ है। वह महाराष्ट्र कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से बीटेक की डिग्री ली है।
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उन्होंने एमएस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और मिनेसोटा विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में पीएचडी कर डॉक्टरेट की उपाधी हासिल की है।
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पांडे ने भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार दोनों के लिए विभिन्न पदों पर कार्य किया है- जैसे प्रमुख सचिव (सूचना प्रौद्योगिकी), महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के सचिव, उपायुक्त (बिक्री कर) ) और महाराष्ट्र सरकार में एक जिले के जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर के रूप में काम किया है।
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अजय भूषण पांडे करीब 9 साल तक यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के सीईओ रह चुके हैं। उन्होंने ही आधार की नींच रखी है और आधार को देशभर में लागू किए जाने के बाद वह काफी खुश हुए थे।
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उन्होंने जब UIDAI में पद संभाला तब पहला आधार नंबर भी इश्यू नहीं किया गया था। उन्होंने आधार को न सिर्फ गुड गवर्नेंस के लिए बल्कि देश की जनता के लिए एक जरूरी दस्तावेज बताया था।
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बहरहाल, अजय भूषण पांडे ऐसे समय में वित्त सचिव मनोनीत किए गए हैं जब जीएसटी कलेक्शन लक्ष्य से कम हो रहा है। हालांकि बीते कुछ महीनों में मामूली सुधार जरूर हुआ है। फरवरी महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.05 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले साल इसी महीने के मुकाबले 8.3 फीसदी अधिक है।
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ऐसे में अजय भूषण पांडे के सामने ये चुनौती होगी कि कैसे जीएसटी कलेक्शन को बढ़ाया जाए। हालांकि, जनवरी के मुकाबले फरवरी में जीएसटी कलेक्शन में कटौती देखने को मिली है। जनवरी 2020 में जीएसटी कलेक्शन 1.10 लाख करोड़ रुपये हुआ था. जबकि फरवरी में 1.05 लाख करोड़ रुपये ही कलेक्शन हुआ।