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तबेले में गाय-भैसों की देखभाल और गोबर पाथने वाली लड़की बनी जज, बचपन से चला रही डेयरी
उदयपुर, राजस्थान. टैलेंट किसी भी परिस्थिति में जन्मे...अपना रास्ता बना ही लेता है। यह कहानी ऐसी लड़की की है, जो बचपन से अपने माता-पिता के साथ डेयरी में गाय-भैसों की देखभाल करती आ रही है। लेकिन अब ये जज बनने जा रही है। ये हैं सोनल शर्मा। इन्हें राजस्थान न्यायिक सेवा(RJS) प्रतियोगी परीक्षा-2018 की वेटिंग लिस्ट में जगह मिली है। इसका बुधवार को रिजल्ट घोषित किया गया था। सोनल उदयपुर के प्रताप नगर में रहती हैं। सोनल ने बताया कि डेयरी उनके परिवार की रोजी-रोटी का साधन है। इसलिए वे और उसके भाई-बहन पिता के साथ गाय-भैसों की देखभाल से लेकर गोबर पाथने तक का काम करते हैं। सोनल का ज्यादा समय तबेले में बीतता था। यहीं खाली समय में वे पढ़ाई करती थीं। पढ़ें सोनल की कहानी...
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सोनल के पिता ख्यालीलाल शर्मा कई साल से डेयरी चला रहे हैं। उन्होंने जसबीर से प्रेम विवाह किया था। इन्हीं के यहां 7 दिसंबर, 1993 को जन्मी सोनल। सोनल बचपन से ही होनहार रही हैं। उन्होंने स्कूल और कॉलेज में भी कई मेडल जीते। सोनल कहती हैं कि काम कोई छोटा-बड़ा नहीं होता। डेयरी से मेरा घर चलता है। इसलिए मुझे पापा के साथ हाथ बंटाना अच्छा लगता है।
कई बार सोनल डेयरी में रहकर ही पढ़ाई करती रहीं। वे एलएलबी में प्रदेश टॉपर रह चुकी हैं। इसके अलावा महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल भामाशाह अवार्ड भी हासिल कर चुकी हैं। विवि के दीक्षांत समारोह में दो दिन पहले ही उन्हें दो गोल्ड समेत तीन मेडल मिले। इसमें एक चांसलर मेडल भी है।
सोनल के भाई-बहन भी काफी होनहार हैं। सोनल बताती हैं कि उनकी बड़ी बहन लीना शर्मा कैग में हिंदी ट्रांसलेटर हैं। छोटी बहन किरण अभी डीयू से पढ़ाई कर रही है। सबसे छोटा भाई हिमांशु शर्मा अजमेर से जर्नलिज्म की पढ़ाई कर रहा है। ख्यालीलाल शर्मा कहते हैं कि उन्होंने हमेशा अपने बच्चों को आगे बढ़ने के लिए छूट दी।
सोनल बताती हैं कि जब वे चौथी क्लास में थीं, तब से पापा डेयरी चला रहे हैं। चूंकि बाकी भाई-बहन उदयपुर में नहीं रहते, इसलिए डेयरी सोनल और उसके पिता ही संभालते हैं।
सोनल के पिता ख्यालीलाल कहते हैं कि सोनल डेयरी संभालते हुए वहीं पढ़ाई करती रही। उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी ने उनका नाम रोशन किया।