MalayalamNewsableKannadaTeluguTamilBanglaHindiMarathimynation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • ज्योतिष
  • Home
  • Career
  • Education
  • वाह! 8 बार फेल नालायक समझा जाने वाला लड़का बना अफसर, दर्दनाक एक्सीडेंट झेल बिस्तर पर लेट की पढ़ाई तब पाई नौकरी

वाह! 8 बार फेल नालायक समझा जाने वाला लड़का बना अफसर, दर्दनाक एक्सीडेंट झेल बिस्तर पर लेट की पढ़ाई तब पाई नौकरी

नई दिल्ली. दोस्तों, जब हम स्कूल जाते हैं तो देखते हैं कि बहुत से बच्चे हमेशा क्लास में पीछे बैठते हैं। ये बैक बेंचर्स कहलाते हैं। शिक्षक भी इनको कम आंकते हैं लेकिन ये औसत दर्जे के स्टूडेंट कई बार इतिहास पलट देते हैं। आज हम आपको सक्सेस स्टोरी में एक ऐसे यूपीएससी क्रैकर के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक औसत दर्जे का छात्र था। उसे पढ़ने लिखने में कोई रूचि नहीं थी, यूं वो खुद बताता है कि कभी उसका पढ़ाई में मन लगा ही नहीं। पर कैसे आज वो IAS अफसर की कुर्सी पर बैठा है? एक एवरेज स्टूडेंट ने कोई छोटी मोटी सरकारी नौकरी नहीं सिविल सर्विस वाली प्रतिष्ठित नौकरी कैसे हासिल की?    आईएएस सक्सेज स्टोरी (IAS Success Story) में आज हम आपके इस नालायक छात्र कहे जाने वाले अफसर की कहानी सुनाएंगे। उनका नाम है वैभव छाबड़ा, जो बार-बार असफल होने के बावजूद भी अपने लक्ष्य से भ्रमित नहीं हुए और अंत में वह इस परीक्षा को पास करने में सफल हुए।   

4 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jun 09 2020, 12:47 PM IST | Updated : Jun 09 2020, 01:51 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
16
Asianet Image

वैभव मूलतः राजधानी दिल्ली के रहने वाले हैं। वह समान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वैभव की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से ही हुई। उनकी पढ़ाई में कुछ खास दिलचस्पी नहीं थी। शुरुआत में वह पढ़ने में ठीक थे लेकिन धीरे-धीरे मन पढ़ाई से दूर होता गया। इसी कारण पढ़ाई के मामले में इनका प्रदर्शन हमेशा औसत ही रहा। इनका परिवार भी सामान्य परिवार ही था। वैभव ने बीटेक का कोर्स नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट से किसी तरह से 56% अंकों के साथ 5 वर्षों में पूरा किया था।

26
Asianet Image

बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात ये एक कोचिंग संस्थान में फिजिक्स पढ़ाने लगे क्योंकि इनका मन पढ़ाई की तरफ से एकदम हट चुका था। परन्तु कोचिंग संस्थान में लगभग 2 वर्षों के पश्चात इनको यह आभास होने लगा कि वे इससे भी अच्छा कार्य कर सकते हैं और यहीं पर पहली बार इनके मन में आईएएस बनने का विचार आया। 

 

वैभव बताते हैं कि,  मैंने ये बात अपने परिवार वालों व अच्छे दोस्तों को बताई। सभी ने मेरा उत्साह बढ़ाया। लेकिन कुछ और लोग भी थे जिन्होंने ये कहा कि ऐसी चीज के लिए अच्छी नौकरी छोड़ना जिसकी कोई गारंटी नहीं है वो ठीक नहीं है। मेरे मन में कुछ तो उथल-पुथल हुई लेकिन मैंने साहस नहीं छोड़ा। मैने नौकरी से रिजाइन कर दिया।

 

36
Asianet Image

कोचिंग छोड़ने के पश्चात इन्होंने बीएसएनएल में भी नौकरी किया। परन्तु यहां भी इनका मन नहीं लगा और आईएएस बनने की लालसा के कारण इनको यह भी नौकरी छोड़नी पड़ी। कहावत भी है कि मनुष्य वहीँ जाता है जहां उसकी नियति ले जाना चाहती है. अब इनके साथ मुख्य संकट यह था कि एक तरफ तो यह नौकरी छोड़ चुके थे और वहीं दूसरी तरफ इनका मन पढ़ाई में लग नहीं रहा था।

46
Asianet Image

अब मै IES की तैयारी में लग गया। लेकिन मेरा मन पढ़ने में बिलकुल भी नहीं लगता था। मै चाह कर भी लगातार 1 घंटे भी नहीं पढ़ पाता था। लेकिन फिर मैंने इसका हल भी निकाल लिया। मै आधा घंटे पढ़ाई करने के बाद 15 मिनट रेस्ट करता था। धीरे-धीरे पढ़ाई का समय बढ़ता गया और मै 1 घंटे फिर 2 घंटे से 8 घंटे तक पढ़ने लगा। मैं पढ़ाई के दौरान बोर न हो जाऊं इसके लिए मै पढ़ाई पूरी करने के बाद थोड़ा इंटरटेनमेंट करता था। जैसे टीवी देखना,गेम खेलना आदि। हांलाकि इस तरह सिविल सर्विस की वेकेंसी आ गई।

 

वैभव कहते हैं, जब आप अन्दर से पॉजिटिव हों तो आप किसी भी परीक्षा को पास कर सकते हैं। इसी पॉजिटिव थिंकिंग को आधार बना कर वैभव ने पहले पढ़ाई की शुरुआत कुछ घंटों से शुरू किया जो धीरे-धीरे बढ़ाते गए।

 

56
Asianet Image

इसी बीच जब वैभव की तैयारी अपनी गति पकड़ चुकी थी और उन्होंने साल 2018 में यूपीएससी का फॉर्म भी भर दिया था तो उसी समय इनके साथ एक दुर्घटना हो गयी। इस दुर्घटना में इनकी पीठ में काफी चोट आने के कारण डॉ. ने इनको लगभग 8 महीने के लिए बेड रेस्ट करने के लिए कहा- इस मुश्किल समय में भी वैभव ने अपनी पढ़ाई को बंद नहीं किया और वे बिस्तर पर लेटे–लेटे ही अपनी तैयारी करते रहे। लेकिन उस दौरान भी मेरी पढ़ाई लेट कर जारी रही। इसका परिणाम यह हुआ कि वर्ष 2018 में वैभव को आईईएस में 32वीं रैंक के रूप में सफलता प्राप्त हुई।

66
Asianet Image

वैभव बताते हैं कि वो कई बार फेल हुए,  ''मैंने खूब तैयारी की। लेकिन पहली बार होने के कारण मुझे एग्जाम का अंदाजा नहीं था। कोई ज्यादा समझाने वाला भी नहीं था। ऐसे में मै मेंस तक पहुंचने के बाद रिजेक्ट हो गया। मै टूट सा गया। उस समय मैंने सोचा कि कोचिंग की जॉब फिर से शुरू कर लूँ। लेकिन मेरे अपनों में मेरा हौसला बढ़ाया और फिर से तैयारी में लग गया। ''

 

वैभव इस सफलता को प्राप्त करने से पहले 8 दफा असफलता का भी सामना किये परन्तु उन्होंने कभी भी अपने भीतर नकारात्मकता को ठहरने ही नहीं दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि अंततः उनको उनकी मंजिल मिल गयी। 

Asianet News Hindi
About the Author
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Andriod_icon
  • IOS_icon
  • About Us
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved