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चीन को 3000 करोड़ का झटका देकर इस कारोबारी ने अपनी तरह से लिया गलवान का बदला! कौन हैं ये?
बिजनेस डेस्क। गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद चीन के खिलाफ देशभर में लोगों का गुस्सा किस कदर है इसे बताने की जरूरत नहीं। आम लोगों के अलावा सेलिब्रिटी और दिग्गज कारोबारी भी अपनी तरह से चीन से गलवान का बदला ले रहे हैं। लोग चीन के उत्पादों का बायकॉट कर रहे हैं। सरकार ने भी चीनी ऐप्स पर बैन लगाकर चीन को कारोबारी सबक सिखाने के मूड में है।
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इस बीच कई दिग्गज कारोबारी भी चीन को जवाब देने की तैयारी में लग गए हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में कारोबार करने वाली दिग्गज JSW ग्रुप ने चीन से 40 करोड़ डॉलर (करीब 3000 करोड़) के आयात को खत्म का करने का फैसला लिया है। कंपनी ने अगले दो साल में आयात को शून्य पर लाने का फैसला लिया है। ये फैसला गलवान में चीन का बर्बर चेहरा सामने आने के बाद लिया गया है।
ग्रुप की सहयोगी इकाई JSW सीमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ जिंदल ने खुद इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी। चीन से कारोबार शून्य करने को लेकर पार्थ ने ट्वीट में बताया कि उनका ग्रुप चीन से हर साल 40 करोड़ डॉलर का आयात करता है। चीन के सौनिकों का हमारे जवानों पर अकारण हमला (गलवान में) आंखें खोलने वाला है। स्पष्ट कार्रवाई की जरूरत भी बताता है। हम 40 करोड़ डॉलर के शुद्ध आयात को अगले दो साल में शून्य पर लाने का संकल्प लेते हैं।
जिंदल की कंपनी चीन से मशीनरी और रख-रखाव के उपकरण मंगाती है। 14 अरब डॉलर वैल्यू की कंपनी JSW ग्रुप का स्वामित्व पार्थ के पिता सज्जन जिंदल के पास है। यह ग्रुप दुनिया के कई देशों में आइरन, ऊर्जा, सीमेंट और इन्फ्रा स्ट्रक्चर के क्षेत्र में कारोबार करती है।
पिछले दिनों महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी चीनी पत्रकार के चैलेंज को स्वीकार किया था। चीनी पत्रकार ने भारत का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि अगर चीनी किसी भारतीय प्रोडक्ट के बहिष्कार की सोचें तो उनके पास कोई ऑप्शन ही नहीं है। आनंद महिंद्रा ने जवाब देते हुए कहा था कि उनका यह तंज हमें भविष्य के लिए प्रेरित करेगा।
चीन से तनाव पर केंद्र सरकार सख्त है। तनाव के बाद देश में हाइवे प्रोजेक्ट्स से चीनी कंपनियों को बाहर करने की घोषणा की गई है। इसके लावा बीएसएनएल ने भी चीनी कंपनियों के 4 जी अपग्रेडेशन टेंडर को कैंसल कर दिया है। रेलवे ने भी चीनी कंपनियों टेंडर को कैंसल किया है। कई राज्यों की सरकारों ने भी ऐसा ही कदम उठाया है।