- Home
- Business
- Money News
- नया कानून आने के बाद में Bitcoin पर लग सकता है भारी टैक्स, अब पहले की तरह नहीं मिल सकेगा ज्यादा रिटर्न
नया कानून आने के बाद में Bitcoin पर लग सकता है भारी टैक्स, अब पहले की तरह नहीं मिल सकेगा ज्यादा रिटर्न
बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) को बैन करने की योजना बना रही है। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2018 में बिटकॉइन पर बैन लगा दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर से प्रतिबंध खत्म कर दिया। इसके बाद लोगों को इस वर्चुअल करंसी में इन्वेस्टमेंट करने की छूट मिल गई। बिटकॉइन की बढ़ती कीमतों को देखते हुए पूरी दुनिया में इसमें निवेश बढ़ता जा रहा है। भारत में क्रिप्टोकरंसी के रेग्युलेशन के लिए कोई अथॉरिटी नहीं है। इस वजह से लोग अपने रिस्क पर ही इसमें निवेश करते हैं। अब सरकार अपनी वर्चुअल करंसी लाने की योजना पर काम कर रही है।
(फाइल फोटो)
| Updated : Feb 15 2021, 05:24 PM
2 Min read
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
Follow Us
16
)
मोदी सरकार बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरंसी को पूरी तरह बैन करने के लिए कानून लाने जा रही है। वहीं, टैक्स अधिकारी जीएसटी और इनकम टैक्स को ध्यान में रखते हुए बिटकॉइन पर टैक्स लगाने की बात कर रहे हैं। (फाइल फोटो)
26
क्रिप्टोकरंसी को टैक्स के दायरे में कैसे लाया जाएगा, इस पर विचार किया जा रहा है, वहीं ब्लॉकचेन करंसी के एक्सपर्ट नया कानून आने के बाद देश से बाहर निकलने की फिराक में हैं। टैक्स अथॉरिटीज इस पर विचार कर रही है कि क्रिप्टोकरंसी को लेकर किस कैटेगरी में रखा जाए। (फाइल फोटो)
36
कई प्रोडक्ट्स और सर्विसेस पर जीएसटी अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से लगया जाता है। कई जानकारों का मानना है कि क्रिप्टोकरंसी को 18 फीसदी टैक्स वाली कैटेगरी में रखा जा सकता है। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि क्रिप्टोकरंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Digital Currency Bill, 2021) आने के बाद निवेशकों को उनका क्रिप्टो एसेट बेचने के लिए 3 महीने का समय दिया जाएगा। (फाइल फोटो)
46
बता दें कि डायरेक्ट टैक्स के मामले में भी इसी तरह की दिक्कत आ रही है। टैक्स अधिकारियों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि क्रिप्टोकरंसी से होने वाली आय पर बिजनेस से हुई कमाई की तरह टैक्स लगाया जाए या निवेश से हुई कमाई की तरह। (फाइल फोटो)
56
कुछ जानकारों का कहना है कि एक्टिव ट्रेडिंग को एक स्पेक्युलेटिव बिजनेस के तौर पर देखा जा सकता है, जिस पर सामान्य रेट के हिसाब से 42 फीसदी तक टैक्स लगाया जा सकता है। वहीं, यह भी माना जा रहा है कि एक्सचेंजों पर जीएसटी और निवेशकों पर इनकम टैक्स लगाने के बाद उनका 1 साल का पिछला मुनाफा इसी में चला जा सकता है। (फाइल फोटो)
66
क्रिप्टोकरंसी इंडस्ट्री का मानना है कि नए कानून लागू होने के बाद बिटकॉइन और दूसरी वर्चुअल करंसी पर जो बैन लगेगा, उससे वैसे ही हालात बन जाएंगे, जैसे 2018 में रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगाए जाने के बाद हुए थे। उस समय ब्लॉकचेन कारोबारी स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, एस्टोनिया और अमेरिका जैसे देशों में चले गए थे। (फाइल फोटो)