भारत के इस राज्य में है सोने की खदान, जानें गोल्ड क्यों होता है इतना महंगा
त्योहार के इस सीजन में गोल्ड खरीदना हर भारतीय की पहली पसंद है। और मौका दिवाली का हो तो क्या कहना। आज हम आपको खदान से सोना निकालने की पूरी प्रोसेस बता रहें हैं। भारत में सोने का सबसे अधिक उत्पादन कर्नाटक राज्य में होता है (हुट्टी और उटी नामक खानों से) और इसके अलावा आंध्र प्रदश और झारखण्ड (हीराबुद्दीनी और केंदरूकोचा की खानों से) के कुछ भागों से भी सोना निकाला जाता है। सोना आमतौर पर या तो अकेले या पारे या सिल्वर के साथ मिश्र धातु के रूप में पाया जाता है।
| Updated : Oct 25 2019, 11:52 AM
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ज्यादातर स्वर्ण अयस्क या तो खुले गड्ढों से आता है या फिर अंडरग्राउंड खानों से। चट्टानों से अयस्क के रूप में सोना निकालता कर्मचारी।
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खान से निकले पत्थरों और इसके चूर्ण को कार्बन पल्स प्लांट में प्रोसेस करते हैं; इस पर पोटेशियम सायनाइड डालकर 48 घंटे तक छोड़ देते हैं l सायनाइड से रासायनिक प्रतिक्रिया के बाद मलबे में छिपा सोना तरल रूप में बाहर आ जाता है
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चट्टान के टुकड़े पर चमकता सोना। स्वर्ण अयस्क से शुद्ध सोना हासिल करने के सभी तरीकों में सबसे पहले चट्टानों से निकले अयस्क को धोया जाता है और फिर उसे मिल भेज दिया जाता है। मिल में अयस्क को पानी के साथ छोटे-छोटे कणों में पीस लिया जाता है। इसके बाद अयस्क को पारे की परत चढ़ी हुई प्लेटों से होकर गुजारा जाता है।
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स्वर्ण और पारा मिलकर अमलगम बना लेते हैं। एक बार अमलगम बन जाने के बाद इसे तब तक गर्म किया जाता है, जब तक कि पारा गैस बनकर उड़ नहीं जाता। इसके बाद बचा रह जाता है सोना।
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इस तरह बनता है चमकदार, बेशकीमती सोना। जिसे खरीदकर और पहनकर लोगों की शानो-शौकत का अंदाज लगाया जाता है। भारत में सोने की खानों से सोना निकालने का काम होता है।
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इस प्रकार सोना निकालने की प्रक्रिया से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि सोना निकालना एक बहुत ही कठिन प्रक्रिया है यही कारण है कि बाजार में सोने के दाम इतने ज्यादा होते हैं।